JAMSHEDPUR: कोल्हान यूनिवर्सिटी (केयू) के जनजातीय भाषा विभाग की सात किताबों का लोकार्पण 11 सितंबर को राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू राजभवन में करेंगी। इन सात किताबों में संताली, कुड़माली व हो भाषा की किताबें शामिल हैं। ये सारे पाठ्यक्रम की पुस्तकें हैं। ये ओलचिकी व वारांगक्षिति लिपि में लिखी गई हैं। इससे छात्रों को अपनी भाषा पढ़ने में और आसानी होगी। इससे पहले भी विश्वविद्यालय सात किताबों का प्रकाशन कर चुका है।
राज भवन में होगा विमोचन
कोल्हान यूनिवर्सिटी के प्रवक्ता डॉ। एके झा ने बताया कि राजभवन में इन किताबों का विमोचन कुलाधिपति करेंगी। जनजातीय भाषा विभाग को अपनी लिपि में पुस्तकों का प्रकाशन का निर्देश राज्यपाल की ओर से दिया गया था। इसके बाद केयू की वीसी प्रोफेसर डॉ। शुक्ला माहांती ने दिशा-निर्देशन में जनजातीय भाषा विभाग के एचओडी प्रोफेसर कारु मांझी के नेतृत्व में 12 सदस्यीय कमेटी बनाई। इस कमेटी का संयोजक डॉ। एके झा को बनाया गया। डॉ झा ने बताया कि संताली, कुड़माली व हो भाषा की किताबों का लिपियंत्रण का कार्य करने में प्रोफेसर कारु मांझी के अलावा पी चाकी, निशोन हेंब्रम, सुभाष चंद्र महतो का योगदान सराहनीय रहा।
जनजातीय भाषा विभाग के पदों का सृजन जल्द
राज्यपाल ने जनजातीय भाषा विभाग के पदों के सृजन का आदेश उच्च एवं तकनीकी शिक्षा सचिव को दिया है। इस संबंध में कोल्हान यूनिवर्सिटी की ओर से प्रस्ताव पहले ही भेजा गया है। उम्मीद की जा रही है कि एक-दो दिनों में पदों के सृजन की अधिसूचना जारी हो जाएगी।