-सात दिन से लापता है शीर्षक

-करीम सिटी कॉलेज में है 11वीं का स्टूडेंट

-मां का रो-रो कर बुरा हाल, पिता भी हुए बदहवास

JAMSHEDPUR: मेरी खुशियां मुझसे रूठ गई हैं। मेरा बेटा पता नहीं कहां चला गया? पता नहीं वह कब लौट कर आएगा? कोई तो मेरे बेटे को वापस ले आओ? उसके बिना सारी खुशियां बेकार हैं। कहते हुए अचानक फफक-फफक कर सुनीता रो पड़ी। कुछ ऐसा ही हाल है बाबूलाल साव का भी है, जो अपने बेटे की तलाश करने की फिराक में अपनी काम ही छोड़ बैठा है। बाबूलाल और सुनीता का बेटा शीर्षक (क्म्) पिछले सात दिन से लापता है। हालांकि पुलिस ने शीर्षक के गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कर ली है। मगर अब तक उसका कुछ भी पता नहीं लग सका है। पूरे परिवार में मातम सा माहौल है। चूल्हा भी शायद तभी जला था, जब शीर्षक घर पर था। शीर्षक के जाने से मानो पूरा परिवार थम गया गया है। मां का रो-रो कर बुरा हाल है और पिता काम पर नहीं जा रहा है। छोटा भाई श्रेष्ठ का भी गुमसुम है। सभी बार-बार पुलिस से सिर्फ एक ही गुहार लगा रहे हैं, किसी तरह शीर्षक को खोज कर ले आओ।

क्भ् अगस्त की शाम से है लापता

मानगो में रहने वाले बाबूलाल साव और सुनीता का बेटा शीर्षक केसीसी में क्क्वीं का स्टूडेंट है। बाबूलाल ने बताया कि वह ऑटो चालक है। उसका बेटा शीर्षक क्भ् अगस्त को स्कूल गया था। वहां से उसे मिठाई मिली थी। जिसे उसने घर आकर मां और छोटे भाई के साथ मिल बांट कर खाया। मैं तब काम पर गया हुआ था। इसलिए शीर्षक ने मां से बोल कर मिठाई रख दी कि पिताजी के लिए है। इसके बाद वह करीब शाम साढ़े चार बजे घर से निकला। इसके बाद वापस घर लौट कर नहीं आया हालांकि मोहल्ले वालों ने बताया कि वह चौराहे पर करीब साढ़े सात बजे नजर आया था। बाबूलाल ने बेटे की गुमशुदगी की शिकायत पुलिस से की। पुलिस ने मामला तो दर्ज कर लिया है, मगर अब तक कोई सुराग नहीं मिला है। बाबूलाल ने बताया कि वह काफी शर्मिला है। उसका कोई खास या ज्यादा दोस्त भी नहीं है। वह बहुत कम बोलता है। ऐसे में वह कहां चला गया, समझ नहीं आ रहा है।

घर में छाया है मातम

शीर्षक के जाने के बाद से पूरे घर में मातम छाया हुआ है। सुनीता की आंखे सिर्फ दरवाजे पर टकटकी लगाई रहती हैं कि पता नहीं कब उसका लाडला वापस आएगा। बेटे के बारे में जरा भी पूछने पर उसकी आंख छलक उठती है और वह रुहासे गले से कुछ भी बोल नहीं पा रही है। बाबूलाल ने बताया कि पुलिस सिर्फ आश्वासन दे रही है। अब तक बेटे का कुछ पता नहीं लगा है।