जमशेदपुर (ब्यूरो): भारत के विभिन्न राज्यों के प्रमुख लेखकों और प्रसिद्ध हस्तियां एक साथ जुटीं। इन सबके बीच झारखंड से एकमात्र जमशेदपुर के लेखक अंशुमन भगत को शामिल होने का मौका मिला। यह मौका था वड़ोदरा लिटरेचर फेस्टिवल का, जिसका आयोजन गुजरात के पारुल यूनिवर्सिटी में हुआ था। यह साहित्यिक महोत्सव आईआईएमयूएन द्वारा संचालित किया गया, जहां भारत के विभिन्न राज्यों के प्रमुख लेखकों और प्रसिद्ध हस्तियों को इसमें शामिल किया गया था। इस महोत्सव में शबाना आजमी, चेतन भगत, ताहिरा कश्यप, लेफ्टिनेंट जनरल सतीश दुआ, आलोक श्रीवास्तव जैसे श्रेष्ठ लेखकों के साथ झारखंड के जमशेदपुर के लेखक अंशुमन भगत भी मौजूद थे।
भाषाओं का महत्व बताया
अंशुमन भगत, इस महोत्सव में पैनल सदस्य के रूप में उपस्थित रहे और वड़ोदरा लिटरेचर फेस्टिवल के दौरान उन्होंने भाषाओं के महत्व पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने बताया कि भारत में भाषाओं का महत्व अत्यंत प्रमुख है। खासकर क्षेत्रीय भाषाओं का। भारत एक विविधतापूर्ण देश है, जहां अनेक भाषाएं बोली जाती हैं और इसका संपूर्ण गौरव व भौगोलिक और सांस्कृतिक संपदा में महत्वपूर्ण योगदान होता है।
बढ़ावा देना जरूरी
अंशुमन ने विभिन्न शहरों में आयोजित किए गए कार्यक्रमों में न केवल स्थानीय भाषाओं के बारे में अपनी बातें रखीं, बल्कि झारखंड के क्षेत्रीय भाषाओं के महत्व पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि झारखंड की स्थानीय भाषाएं हमेशा से ही एक अपनापन और गहराई महसूस कराती हैं और इन्हें बढ़ावा देना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि भाषाएं लोगों के आपसी संबंधों को मजबूत करती हैं और उन्हें संवाद का माध्यम प्रदान करती हैं। इन कार्यक्रमों में, लोगों ने अंशुमन की भाषाओं पर की गई बातों को ध्यान से सुना और उन्हें सराहा भी। उनके विचार और प्रस्तुतियों ने लोगों को गहराई तक प्रभावित किया और उन्हें भाषाओं के महत्व को समझने का अवसर मिला। यह कार्यक्रम साहित्य और समाज के बीच एक नए संपर्क स्थापित करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम साबित हुआ और वड़ोदरा लिटरेचर फेस्टिवल को अद्यतित और उत्कृष्ट बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
समर्थन जाहिर किया
आईआईएमयूएन विश्व का सबसे बड़ा युवा संगठन है, जो युवाओं को सशक्त बनाकर वैश्विक समस्याओं के समाधान को विकसित करने का उद्देश्य रखती है। आईआईएमयूएन द्वारा वडोदरा लिटरेचर फेस्टिवल का आयोजन 10 और 11 मई को गुजरात में हुआ। भारतीय राजनीति, फिल्म और साहित्य क्षेत्र के कई प्रमुख व्यक्तित्व जैसे शशि थरूर, करण जौहर, गौरी खान, कृति सनोन, कार्तिक आर्यन, सानिया मिर्जा व अन्य ने आईआईएमयूएन के महत्व को सार्थकता से समझा और इस संगठन के प्रति अपना समर्थन जाहिर किया है।