जमशेदपुर (ब्यूरो): आरवीएस कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी में जिला स्तरीय महाविद्यालयीन खेल प्रतियोगिता-2023 का आयोजन किया गया। इसमें फुटबॉल, बास्केटबॉल, वॉलीबॉल, कैरम एवं शतरंज की प्रतियोगिताएं हुईं। इस प्रतियोगिता में जमशेदपुर वीमेंस यूनिवर्सिटी, आरवीएस कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, आर्का जैन विश्वविद्यालय, एनएसयू तथा एलबीएसएम कॉलेज की टीम शामिल हुई। वीमेंस यूनिवर्सिटी की कुलपति प्रो। (डॉ.) अंजिला गुप्ता ने बताया कि यूनिवर्सिटी की छात्राओं ने अपने प्रदर्शन से सबको आकर्षित किया। बास्केटबॉल में जहां जमशेदपुर वीमेंस यूनिवर्सिटी विजेता बनी वहीं गर्ल्स वॉलीबॉल प्रतियोगिता में उपविजेता रही। लगभग सभी तरह की प्रतियोगिताओं में छात्राओं का प्रदर्शन बेहतर रहा। वीसी ने स्पोर्ट्स एंड कल्चरल कमेटी के अध्यक्ष डॉ। सनातन दीप और उनकी पूरी टीम बधाई दी।
ये प्लेयर्स थीं शामिल
जमशेदपुर महिला विश्वविद्यालय गल्र्स बास्केटबॉल टीम की सदस्यों में जया कुमार (कप्तान), सिम्मी कुमारी, श्रुति दीक्षित, रागिनी कुमारी, अंजलि सौरभ, खुशी कुमारी शुक्ला एवं शिवानी कुमारी शामिल थीं। इस प्रतियोगिता की उपविजेता आर्का जैन विश्वविद्यालय की टीम रही। वहीं वीमेंस यूनिवर्सिटी की उपविजेता वॉलीबॉल टीम में गीता टुडू (कप्तान), लबोनी सिंह, जया कुमार, सिम्मी कुमारी, श्रुति दीक्षित, रागिनी कुमारी, अंजलि सौरभ, खुशी कुमारी शुक्ला एवं शिवानी कुमारी शामिल थीं।
ग्रेजुएट कॉलेज के हिन्दी विभाग में प्रेमचंद की जयंती मनी
ग्रेजुएट कॉलेज के हिन्दी विभाग में सोमवार को कथाकार प्रेमचंद की जयंती मनाई गई। प्राचार्या डॉ। मुकुल खंडेलवाल ने प्रेमचंद की तस्वीर पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया। अपने संबोधन में डॉ मुकुल खंडेलवाल ने कहा कि प्रेमचंद ग्रामीण जीवन के चितेरे लेखक थे। उनकी लेखनी ने समाज के अंदर की कुरीतियों को उजागर किया है। जब भी साहित्य में कहानी या उपन्यास की बात आएगी उसके केंद्र बिंदु में प्रेमचंद ही रहेंगे। मुख्य वक्ता प्रो। राकेश कुमार पांडेय ने कहा कि प्रेमचंद ने दबे कुचले लोगों की आवाज बनकर अपनी लेखनी चलाई है। उनकी कहानियों और उपन्यासों में कृषक वर्ग और मजदूर नायक के रूप में देखे जाते हैं। उन्होंने न सिर्फ छुआछुत, बेमेल विवाह, स्त्री के आभूषण लोभ, लोभी, आलसी का विषय उठाया बल्कि सत्यनिष्ठा, पंच परमेश्वर है, की भी बात की। उनकी कहानियां मानवीय मूल्यों को प्रतिष्ठित करती है। मानव के प्रकृति और प्रकृति के लोगों के प्रति व्यवहार की भी वकालत की है। कार्यक्रम में हिन्दी विभागाध्यक्ष डॉ भारती कुमारी ने स्वागत भाषण के साथ विषय प्रवेश कराया। कार्यक्रम में श्रुति चौधरी, हेमलता कुमारी, अनुराधा कुमारी, अनामिका कुमारी, अनुभा कुमारी ने भी अपने विचार रखे। मौके पर संतोषी कुमारी, प्रिया कुमारी, कंचन, लक्ष्मी, रूबी, अंजलि, पूनम, शकुंतला, जयश्री, श्रुति, सोनी, खूशबू, रिया, सेतु, सपना सहित हिन्दी विभाग के सेमेस्टर 1, सेमेस्टर, 3, सेमेस्टर, 5 की छात्राएं उपस्थित थीं।