जमशेदपुर : टाटा तीरंदाजी अकादमी की कोमलिका बारी स्पेन की राजधानी मैड्रिड में चल रहे विश्व युवा तीरंदाजी चैंपियनशिप के फाइनल में स्वर्णिम निशाना साध इतिहास रच दिया। जमशेदपुर के बिरसानगर की जोन नंबर एक की रहने वाली कोमलिका ने फाइनल में जापान की वाका सोनोडा पर 7-3 से जीत के बाद महिला कैडेट रिकर्व श्रेणी में स्वर्ण पदक जीता। गुरुवार को खेले गए सेमीफाइनल मुकाबले में कोमलिका ने कोरियाई तीरंदाज जांग मी को 6-5 से पराजित किया था। 17 साल की खिलाड़ी कोमलिका अंडर-18 वर्ग में विश्व चैम्पियन बनने वाली भारत की दूसरी तीरंदाज बनीं। उनसे पहले दीपिका कुमारी ने 2009 में यह खिताब जीता था।
कठिन चुनौती का सामना
फाइनल में कोमलिका को कठिन चुनौती का सामना नहीं करना पड़ा। कोमलिका ने पहले दो सेट आसानी से जीत 4-0 की बढ़त बना ली। हालांकि जापानी तीरंदाज ने वापसी कर मुकाबले को 5-1 पर लाने में सफलता हासिल की। कोमलिका को स्वर्ण पदक हासिल करने के लिए बस एक अंक की जरूरत थी। चौथे सेट में भी जापानी खिलाड़ी सोनोडा ने जीत हासिल कर मुकाबले को 5-3 पर ला खड़ा किया, लेकिन अंतिम सेट में 29-28 अंक हासिल कर कोमलिका ने स्वर्ण पदक को अपनी झोली में डाल लिया। विश्व तीरंदाजी से निलंबन लागू होने से पहले भारत ने अपनी आखिरी प्रतियोगिता में दो स्वर्ण और एक कांस्य पदक के साथ अभियान का समापन किया। इस महीने की शुरुआत में विश्व तीरंदाजी ने भारत को निलंबित करने का फैसला किया था। जिसके हटने तक अब कोई भी भारतीय तीरंदाज देश का प्रतिनिधित्व नहीं कर पाएगा। भारतीय तीरंदाजों ने इससे पहले शनिवार को मिश्रित जूनियर युगल स्पर्धा में स्वर्ण और शुक्रवार को जूनियर पुरुष टीम स्पर्धा में कांस्य जीता था।