JAMSHEDPUR: तारीखें ही आगे चलकर इतिहास के पन्नों में दर्ज हो जाती हैं। लौहनगरी के लिए दो जनवरी कोई साधारण तारीख नहीं है, बल्कि बहुत ही एतिहासिक दिन है। आज से 100 साल पहले अपना शहर अस्तित्व में आया था। इससे पहले यह साकची गांव हुआ करता था। स्टेशन का नाम था कालीमाटी। दो जनवरी 1919 को भारत के तत्कालीन गवर्नर जेनरल व वायसराय लार्ड चैम्सफॉर्ड यहां आए थे। उन्होंने टाटा समूह के संस्थापक जमशेदजी टाटा के सम्मान में उनके सपनों के इस्पात नगर साकची का नाम जमशेदपुर और कालीमाटी रेलवे स्टेशन का नाम टाटानगर रखा दिया था। तब से इस शहर को जमशेदपुर और स्टेशन को टाटानगर के रूप में जाना जाने लगा। एक ऐसा नाम जो आज भी प्रासंगिक बना हुआ है और कॉस्मोपॉलिटन व वाइब्रेंट इंडिया का शानदार उदाहरण है।
जमशेदपुर के नाम जारी होगा डाक टिकट
अपना जमशेदपुर शहर दो जनवरी को अपने नामकरण के सौ वर्ष पूरे कर रहा है। टाटा स्टील ने इस मौके पर बेहद खास बनाने के लिए जमशेदपुर के नाम एक डाक टिकट जारी कराने का निर्णय लिया है। इसके लिए भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को आमंत्रित किया गया है। राष्ट्रपति से समय मिलने के बाद आयोजन की तारीख तय की जाएगी। यह जानकारी टाटा स्टील के एमडी टीवी नरेंद्रन ने दी।