- लॉकडाउन में 961 अवैध राशन कार्ड ही हुए सरेंडर, आवेदक 80 हजार
जमशेदपुर : पूर्वी सिंहभूम जिले में आबादी के हिसाब से राशन कार्ड धारकों की संख्या संतृप्त हो गई है, जबकि नए कार्ड बनाने के लिए हर दिन सैकड़ों लोग आवेदन दे रहे हैं। ऐसे में जिला प्रशासन के सामने एक ही विकल्प है कि अयोग्य या अवैध राशन कार्ड जब्त किए जाएं। उपायुक्त रविशंकर शुक्ला ने राश¨नग विभाग को आदेश दिया था कि अभियान चलाकर अवैध, अयोग्य या डुप्लीकेट राशन कार्ड जब्त करें.यदि खुद आकर कोई कार्डधारक संबंधित या नजदीकी डीलर के यहां कार्ड समर्पित कर देता है, तो ठीक है। वरना पकड़े जाने पर जुर्माना वसूली के साथ जेल की सजा भी हो सकती है। इसके लिए हर जनवितरण प्रणाली दुकान के लिए पूर्व में बनी कमेटी को जिम्मेदारी दी गई थी, जो ऐसे लोगों की पहचान कर कार्रवाई की अनुशंसा करें।
जिला आपूर्ति पदाधिकारी नवीन कुमार ने बताया कि लॉकडाउन में अब तक 961 राशन कार्ड सरेंडर हुए हैं, जबकि आवेदकों की संख्या लगभग 80 हजार हो गई है.2011 की जनगणना के हिसाब से जिले की आबादी 22.94 लाख है, जिसमें कुल सात लाख चार हजार राशन कार्ड निर्गत किए जा सकते हैं। अब नए योग्य आवेदक को तभी कार्ड बनाया जा सकता है, जब अयोग्य कार्ड सरेंडर हों। इसकी प्रक्रिया जारी है। जो खुद सरेंडर कर रहे हैं, उन पर कार्रवाई नहीं की जा रही है, लेकिन जो अब भी छिपे हैं, पकड़े जाने पर कानूनी कार्रवाई होगी।
फर्जी ओटीपी में वसूले गए थे 12 लाख
पूर्वी सिंहभूम जिले में गत वर्ष फर्जी मोबाइल नंबर से राशन उठाने की जांच हुई थी, जिसमें जुर्माने के रूप में करीब 12 लाख रुपये की वसूली हुई थी। विशिष्ट अनुभाजन पदाधिकारी (राश¨नग) नवीन कुमार ने बताया कि 2018-19 में यह प्रावधान किया गया था, जिनका बायोमैट्रिक्स सिस्टम में अंगूठे का निशान नहीं आ रहा है, वे मोबाइल नंबर पर आए ओटीपी से राशन ले सकते हैं। इसका कई लोगों ने दुरुपयोग किया। इस मामले में कई डीलरों पर भी कार्रवाई हुई थी।
पूर्वी सिंहभूम जिला दूसरे स्थान पर
जमशेदपुर : प्रवासी मजदूरों को राशन देने में पूर्वी सिंहभूम जिला राज्य में दूसरे स्थान पर है। यहां सबसे ज्यादा 485 ¨क्वटल चावल का उठाव किया गया है। पहले स्थान पर गढ़वा है, जहां 859 ¨क्वटल और 543 ¨क्वटल के साथ रांची जिला तीसरे स्थान पर है। जिला आपूर्ति पदाधिकारी ने बताया कि जिले में कुल 55,527 लोगों को निश्शुल्क राशि देने के लिए चुना गया था, लेकिन 38,278 लोग इसलिए खारिज कर दिए गए, क्योंकि इनके पास पहले से राशन कार्ड की सुविधा थी। जिस प्रवासी श्रमिक के पास राशन कार्ड नहीं है, उसे 10 किलो चावल और दो किलो चना निश्शुल्क दिया जा रहा है।