JAMSHEDPUR: दुनिया से झूठ बोलें तो बोलें, खुद से झूठ बोलकर हम किसका भला कर रहे हैं, यह सोचने की जरूरत है। जिस दिन खुद से झूठ बोलना बंद कर देंगे सबकुछ अच्छा होने लगेगा। यह कहना था 2014 में संघ लोकसेवा आयोग की परीक्षा में पहला रैंक हासिल करनेवाली 2015 बैच की आइएएस ऑफिसर इरा सिंघल का। शनिवार को वे एक्सएलआरआइ में चल हरे एन्सेंबल-वलहल्ला-18 के तहत आयोजित फ्यूचर लीडर्स प्रोग्राम में कॅरियर काउंसिलिंग सेशन को संबोधित कर रही थीं। लेक्चर हॉल 23 में एन्सेंबल-वलहल्ला के प्रतिभागियों और शहर के विभिन्न स्कूलों से आए छात्रों को जीवन, प्रतियोगी परीक्षाओं और व्यक्तित्व से जुड़े कई तरह के उपयोगी टिप्स दिए। साथ ही जब छात्र-छात्राओं की ओर से सवालों की झड़ी लगने लगी तो सभी का बारी-बारी से धैर्यपूर्वक जवाब भी दिए।
कोई परेशानी-समस्या हो तो कारण खोजें
ईरा सिंघल ने कहा कि जब किसी बात को लेकर मन परेशान हो या पढ़ाई सहित अन्य किसी तरह की समस्या सामने हो तो घबराने से कुछ नहीं होगा। कारण खोजें कि ऐसा क्यों है और क्या करना चाहिए। आप देखेंगे की समाधान के रास्ते खुल जाएंगे। उन्होंने कहा कि जीवन में कुछ भी कठिन नहीं होता। कठिनाई की बात कहना केवल एक बहाना है। दरअसल, हम स्वभाव से ही आलसी होते हैं। उदाहरणस्वरूप आम धारणा है कि गणित विषय कठिन होता है। ज्यादातर लोग मानते हैं लेकिन सवाल यह है कि कैसे मान लिया कि यह विषय कठिन है। क्या आपने आलस त्यागकर पूरी मेहनत की? कठिन इसलिए मान लिया क्योंकि कोशिश ही नहीं की। फिर सवाल उठता है कि क्या गणित को पढ़े या अभ्यास किए बिना काम चल सकता है। यदि छोड़ नहीं सकते तो क्यों न कोशिश शुरू कर दें।
समय को महत्व दें
कॅरियर काउंसिलिंग के दौरान ईरा सिंघल ने कहा कि अनावश्यक बातों में हम अक्सर समय व ऊर्जा नष्ट करते हैं। अपने समय के महत्व को समझें। छोटी-मोटी वजहों के लिए मूल्यवान समय को नष्ट नहीं करें। दुनिया में किसी के पास इतना समय नहीं है कि वह आपके बारें में सोचे। अपने बारे में खुद ही सोचना पड़ेगा। ईरा ने कहा कि अक्सर अपने कॅरियर या काम को लेकर सोचा जाता है कि फलां ने यह कर लिया तो हम भी कर सकते हैं। यह सोचना निहायत गलत है। आप खुद में सोचो कि आप क्या हैं और क्या करना चाहिए। दूसरे को देखकर उस जैसा बनने की कोशिश में सफलता कम, निराशा ही ज्यादा हाथ लगती है। अपना लक्ष्य किसी दूसरे के हिसाब से तय नहीं किया जा सकता।