JAMSHEDPUR: करनडीह स्थित एलबीएसएम कॉलेज में इंटर में नामांकन मंगलवार अगस्त से प्रारंभ हो गया। छात्रों की होने वाली भीड़ को देखते हुए शिक्षक ध्वनि विस्तार यंत्र से छात्रों को कोविड-19 के नियमों का पालन करने के प्रेरित कर रहे हैं। सभी छात्र नामांकन व प्रोस्पेक्टस प्राप्त करने के लिए 8-8 मीटर की दूरी पर खड़ा किया गया है। 20-20 छात्रों को कॉलेज के अंदर प्रवेश कराया जा रहा है। निगरानी की कमान कॉलेज के ¨प्रसिपल डॉ। अमर सिंह ने स्वयं संभाल रखी है। यहां नामांकन कार्य पूरी तरह ऑफलाइन है। इस कारण विशेष सुरक्षात्मक उपाय किए गए है। इसकी जानकारी देते हुए कॉलेज के ¨प्रसिपल डॉ। अमर सिंह ने बताया कि 19 अगस्त तक 60 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त करने वाले छात्रों का सीधे नामांकन होगा। उसके बाद 21 अगस्त से 28 अगस्त तक कला, वाणिज्य एवं विज्ञान संकाय के अन्य छात्रों का नामांकन होगा। प्रथम मेरिट लिस्ट का प्रकाशन एक सितंबर तथा इस सूची में प्रकाशित छात्रों का नामांकन 03 सितंबर से 09 सितंबर तक होगा। दूसरी मेधा सूची का प्रकाशन 11 सितंबर को होगा। इस सूची में शामिल छात्रों का नामांकन 13 सितंबर से 20 सितंबर तक होगा। तृतीय मेधा सूची भी आवश्यकतानुसार प्रकाशित होगी। नामांकन के दौरान छात्रों एवं शिक्षकों एवं कर्मियों को कोविड-19 के सारे नियमों का पालन करना होगा। बिना मास्क के कॉलेज में प्रवेश वर्जित होगा। नामांकन छुट्टी को छोड़ सुबह 11 बजे से दो बजे तक ही होगा।
दर्शनशास्त्र पीजी विभाग राष्ट्रीय वेबिनार
कोल्हान विश्वविद्यालय के दर्शनशास्त्र पीजी विभाग राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन मंगलवार को किया गया। इसका विषय कोविड-19 महामारी एवं भगवदगीता का दर्शन था। विवि के मानविकी संकायाध्यक्ष डॉ। मुदिता चंद्रा ने स्वागत भाषण के साथ वेबिनार की शुरुआत की। प्रोवीसी प्रोफेसर एके सिन्हा ने अपने विशिष्ट संबोधन में भगवदगीता को वैज्ञानिक ग्रंथ बताया। केयू के कुलपति प्रोफेसर गंगाधर पंडा ने अपने अध्यक्षीय भाषण में कहा कि कोविड-19 महामारी के समय में गीता के नैतिक एवं दार्शनिक प्रासंगिकताओं पर अपना व्याखयान दिया। उन्होंने कहा कि भगतदगीता का दर्शन हमें कोविड-19 महामारी को मात दे सकता है।
वेबिनार के मुख्य वक्ता आइसीपीआर नई दिल्ली के चेयरमैन प्रोफेसर आरसी सिन्हा ने भगवदगीता में निहित करुणा एवं सहानुभूति जैसे सदगुणों पर प्रकाश डाला। विशिष्ट वक्ताओं के रूप में बीएचयू वाराणासी के प्रोफेसर डीए गंगाधर एवं नव नालंदा महाविहार के डॉ। जाहिरा खातून ने गीता के व्यवहारिक पहलूओं पर प्रकाश डाला। प्रथम संत्र का संचालन डॉ। संजय कुमार तथा द्वितीय सत्र का संचालन डॉ। दीपांजय श्रीवास्तव ने किया। इस वेबिनार के लिए 1 हजार से अधिक छात्रों ने पंजीयन कराया था।