JAMSHEDPUR: करीब सात माह बाद रविवार से अंतरराज्यीय बसों का परिचालन शुरू हुआ, जिसमें जमशेदपुर से भी आरा, पटना, गया, मुजफ्फरपुर, छपरा, सिवान समेत अन्य स्थानों के लिए बसें खुलीं। हालांकि राज्य सरकार ने सभी सीट पर यात्री बैठाने की छूट दी है, लेकिन पूरे यात्री नहीं मिले, जिससे बस मालिक-संचालक निराश दिखे। इसके बावजूद पूजा-पाठ के बाद बसों को समय से रवाना किया गया।
अंतरराज्यीय बसों का परिचालन शुरू होने से भुइयांडीह स्थित बस स्टैंड में खासी चहल-पहल दिखी। परिवार के साथ यात्रियों के आने से रौनक बढ़ गई थी। ठेले-खोमचे वाले भी स्टैंड पर फेरी लगा रहे थे। बसों को पूजा-पाठ करके रवाना किया गया, जिससे पूरा माहौल भक्तिमय बन गया। अगरबत्ती की खुशबू चारों ओर फैल रही थी।
पहले से ही हो रही थी बुकिंग
वहीं बसों की बु¨कग शनिवार से ही शुरू हो गई थी। सुबह से बु¨कग कराने के लिए जिस तरह से यात्री स्टैंड पर आ रहे थे, उससे लग रहा था कि रविवार को सभी बसें फुल हो जाएंगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। जमशेदपुर बस ओनर्स वेलफेयर एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष उपेंद्र शर्मा ने बताया कि लोग अब भी घर से नहीं निकल रहे हैं। कम से कम पहले दिन की स्थिति देखकर ऐसा ही लगा। फिर भी करीब 40 बसें बिहार के लिए रवाना हुईं। वहीं एसोसिएशन के कोषाध्यक्ष किशोर कुणाल ने बताया कि यात्री नहीं होने से आधे बस रद कर दिए गए हैं। पटना के लिए तीन की जगह एक बस गई। रांची-टाटा के लिए करीब 10 बस नहीं चली।
50 से 100 रुपये तक बढ़ाया भाड़ा
बस मालिकों ने राज्य सरकार का निर्देश बताते हुए पुराना भाड़ा लेने की बात कही थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। यात्रियों ने बताया कि लंबी दूरी के टिकट पर 50 से 100 रुपये तक अधिक किराया लिया गया। अब उन्हें जाना है, इसलिए दे दिया। फिर भी खुशी इस बात है कि दोगुना किराया नहीं लग रहा है। बस एजेंट ने कहा कि खड़ी बसों को चलाने लायक बनाने में डेढ़ से दो लाख रुपये तक खर्च करना पड़ा है।