JAMSHEDPUR: जिले में मातृ एवं शिशु मृत्युदर में लगातार गिरावट होने के चलते गुरुवार को सदर अस्पताल में दिल्ली की लक्ष्य संस्था की दो सदस्यीय टीम ने निरीक्षण किया। टीम ने अस्पताल की व्यवस्था देखकर गहरी नाराजगी व्यक्त की है। टीम ने अस्पताल में मरीजों से मिलकर उनका हाल भी लिया और अस्पताल प्रशासन को व्यवस्था को दुरस्त करने के निर्देश भी दिए। शुक्रवार को यह टीम लेबर रूम सहित अन्य विभागों की जांच करेगी।
बताते चलें कि प्रदेश के साथ ही जिले के मातृ एवं शिशु दर में लगातार हो रही कमी के चलते सरकार ने केंद्र में 'लक्ष्य' नामक संस्था का गठन किया है। टीम पूरे देश में निरीक्षण कर अस्पतालों को रैंकिंग प्रदान करती है। गुरुवार को आई टीम ने जिले के अस्पताल में महिला प्रसव और शिशु सुरक्षा के लिए अस्पतालों द्वारा किए जा रहे कामों का जायजा लिया। इस बारे में टीम ने जानने की कोशिश की तो उन्हें बताया गया कि अस्पताल में चिकित्सकों की कमी है, इस वजह से थोड़ा परेशानी हो रही है। प्रसव के दौरान ओटी में महिला एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ के साथ-साथ शिशु रोग विशेषज्ञ भी होने चाहिए जो की नहीं है। प्रसव के दौरान अगर जच्चा-बच्चा की स्थिति गंभीर होती है तो उसे तत्काल दूसरे अस्पताल रेफर किया जाता है जिससे कई प्रसूता और बच्चे जान गवां चुके है। निरीक्षण के क्रम में टीम के सदस्यों ने ओटी को आधुनिक सुविधाओं से लैस करने का निर्देश दिया। टीम ने अस्पताल में मिलने वाली सुविधाओं को भी अपने डायरी में नोट किया। इसके आधार पर अस्पताल की रैकिंग होगी और इसमें बेहतर अस्पतालों को पुरस्कार देकर सम्मानित भी किया जाएगा। इस अवसर पर जिला आरसीएच पदाधिकारी डॉ। साहिर पॉल, सदर अस्पताल की उपाधीक्षक डॉ। वीणा सिंह सहित अन्य चिकित्सक व पदाधिकारी मौजूद थे।
जन्म के पहले सप्ताह में 74.1 फीसद बच्चों की मौत
नेशनल रूरल हेल्थ मिशन के अनुसार देश में सबसे अधिक बच्चों की मौत जन्म के बाद पहले सप्ताह से लेकर चौथे सप्ताह के दौरान होती है। पहले सप्ताह में 74.1 फीसद, दूसरे सप्ताह में 12.6, तीसरे सप्ताह 10 व चौथे सप्ताह में 3.1 फीसद मौतों का आंकड़ा है। नवजात शिशु मृत्यु की मुख्य वजहों में संक्रमण, समय से पूर्व जन्म जैसी जटिलताओं के अलावा जन्म के समय ढ़ाई किलो से कम वजन, बर्थ एस्फिक्सिया है। सदर में इससे निपटने की कोई व्यवस्था नहीं है। प्रसव कक्ष का मूल्यांकन राष्ट्रीय गुणवक्ता मानक के माध्यम से किया जाएगा।