छ्वन्रूस्॥श्वष्ठक्कक्त्र: मानगो और कीताडीह में झोलाछाप द्वारा महिला और दो माह के मासूम की इलाज के नाम पर जान से खिलवाड़ करने के मामले में हेल्थ डिपार्टमेंट कार्रवाई के मूड में दिख रहा है। शनिवार को एक मेडिकल स्टोर पर एक झोलाछाप डॉक्टर के बैठने की सूचना पर तीन सदस्यीय टीम ने भुइयांडीह के एक मेडिकल स्टोर पर छापा मारा, लेकिन मेडिकल स्टोर में झोलाछाप नहीं मिला। टीम के सदस्य डॉ एके लाल ने बताया कि बिना सुरक्षा के जांच संभव नहीं है। सिविल सर्जन को पत्र देकर सुरक्षा की मांग की गई है।
बिना डिग्री बन बैठे डॉक्टर
शहर सहित जिले में बिना डिग्री के ही झोलाछाप डॉक्टर का तमगा लगाकर लोगों को बलि पर चढ़ा रहे हैं। मानगो के शंकोसाई रोड नं एक स्थित झोलाछाप डॉक्टर प्रमोद को विभाग की टीम ने जांच में पकड़ा था लेकिन कोई कार्रवाई न होने से उसके हौसले बुलंद होते गए और वह डाक्टर बन इलाज करता रहा। जबकि जांच में यह खुलासा हुआ कि फर्जी डिग्री के चलते उसने नर्सिग होम खोल रखा था। वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में भी झोलाछाप के क्लीनिक धड़ल्ले से चल रहे हैं।
एंटीबायोटिक से करते हैं कमाई
शहरी और ग्रामीण इलाकों में झोलाछाप डॉक्टर मरीजों को एंटीबायोटिक दवा और इंजेक्शन देकर उनसे रकम ऐंठते हैं। बता दें कि एंटीबायोटिक दवाएं मंहगी होने के चलते मरीजों को लगता है कि वह ठीक हो जाएंगे। जबकि झोलछाप डॉक्टर अधिक मुनाफा कमाने के लिए नकली दवाओं का भी प्रयोग करते हैं। जबकि ग्रामीण क्षेत्र में झोलाछाप की दवा से मरीजों में संक्रमण के कई मामले सामने आ चुके हैं। शहर के मानगो पोस्ट ऑफिस रोड के एक ने झोलाछाप चिकित्सकों की चपेट में आकर अपनी आंखों की रोशनी गंवा दी थी।
लोग गंवा रहे हैं जान
बताते चलें कि जिले में एक के बाद लोग झोलाछाप डॉक्टर के चंगुल में फंसकर लोग अपनी जान गवा रहे हैं। जुलाई में सदर और एमजीएम अस्पताल के निरीक्षण के लिए आई स्वास्थ्य सचिव निधि खरे ने जिले के झोलाछाप को चिन्हित कर 'क्लीनिकल स्टैबलिसमेंट एक्ट' के तहत मामला दर्ज कर कार्रवाई करने का आदेश दिया था। इसके बाद सिविल सर्जन माहेश्वर प्रसाद ने जिला आरसीएच पदाधिकारी डॉ। साहिर पॉल, जिला मलेरिया पदाधिकारी डॉ। एके लाल व जिला कुष्ठ निवारण पदाधिकारी डॉ। बीएन उषा की तीन सदस्यीय टीम का गठन कर जांच एवं कार्रवाई का आदेश दिया था। लेकिन टीम को पुलिस सुरक्षा नहीं मिलने से झोलाछाप के खिलाफ जांच नहीं हो सकी। गुरुवार को मानगो स्थित शंकोकाई रोड नं एक में अधेड़ महिला की मौत के बाद विभाग चिरनिद्रा से जागा है। ग्रामीण क्षेत्रों में जांच और कार्रवाई की जिम्मेदारी मेडिकल ऑफिसर को सौंपी गई है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने दावा किया है कि जिले में लगभग एक हजार झोलाछाप डॉक्टर लोगों की जान के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं।
सुरक्षा की मांग के लिए मेरे पास कोई भी पत्र नहीं आया है। सोमवार से जिला आरसीएच पदाधिकारी डॉ शाहिर पॉल अपनी दो सदस्यीय टीम के साथ जांच करेंगे। अगर सुरक्षा व्यवस्था की बात है, तो एसपी को पत्र लिखकर टीम को पर्याप्त सुरक्षा देने की मांग की जाएगी।
-माहेश्वर प्रसाद, सिविल सर्जन, जमशेदपुर
आईएमए ने प्रदेश के सभी जिलों से झोलाछाप की सूची तैयार कर जिला प्रशासन और स्वास्थ विभाग को सौंपी है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा कार्रवाई न करने से ही झोलाछाप का कारोबार फल-फूल रहा है।
-मृत्युंजय सिंह, उपाध्यक्ष, आईएमए, जमशेदपुर