जमशेदपुर: आईआईटी सीजन सात की ऑनलाइन परीक्षा रविवार को शहर के मानगो संकोसाई रोड नंबर एक स्थित जेपी स्कूल में हुई। परीक्षा में ऑनलाइन आवेदन करने वाले सैकड़ों स्टूडेंट्स ने हिस्सा लिया। परीक्षा में शहर के विभिन्न इलाकों के साथ ही सरायकेला खरसावां और घाटशिला के स्टूडेंट्स भी शामिल हुए। दोपहर 12 बजे से शुरू हुई परीक्षा में स्टूडेंट्स ने 80 मिनट में 100 प्रश्नों के जवाब दिए। परीक्षा के लिए सुबह 10 बजे से ही सेंटर के बाहर बच्चों की भीड़ लग गई थी। परीक्षा के बाद बच्चों और उनके पेरेंट्स से बात करने पर बताया कि बच्चे ने रेडियो में सुना था तो मुझसे बोला कि आईआईटी परीक्षा में बैठूंगा तो मैंने ऑनलाइन अप्लाई कर दिया। बेटे ने बताया कि परीक्षा से मुझे बहुत कुछ सीखने को मिला। इसके बाद हमारे उत्साह में वृद्धि हुई है। परीक्षा में स्टूडेंट्स से जेनरल एबिलिटी, न्यूमेरिकल एबिलिटी, रीजनिंग, अंग्रेजी और जेनरल नॉलेज के प्रश्न पूछे गये, जिनका स्टूडेंट्स ने आंशर दिया।

क्या कहते हैं पेरेंट्स व स्टूडेंट्स

मुझे आईआईटी के बारे में जानकारी नहीं थी लेकिन बेटे ने कहा कि मुझे टेस्ट में बैठना है। ऑनलाइन आवेदन करना होगा तो मैं तैयार हो गया। यह एक अच्छा माध्यम है, जिससे स्टूडेंट्स के मन में कॉम्पटीशन के प्रति जागरुकता, टाइम मैनेजमेंट और खुद को परखने का मौका मिलता है।

ओम प्रकाश पांडेय, जोजोबेड़ा

रेडियो सिटी के माध्यम से जानकारी हुई थी। बेटी बोली की मुझे अप्लाई करना है तो हमने करवाया और बेटी ने बताया कि उसका पेपर अच्छा हुआ है। इस तरह के एग्जाम के लिए दैनिक जागरण आईनेक्स्ट को धन्यवाद देना चाहता हूं। आप बच्चों की स्किल को डेवलप कर रहे हैं।

प्रसन्ना चौधरी

आईआईटी के बारे में मुझे भी कोई आइडिया नहीं था, लेकिन रेडियो में इसका प्रचार चल रहा था, वहां से ऑनलाइन माध्यम से अप्लाई किया। यह एक अच्छा माध्यम है जिससे छात्र ओएमआर शीट की फीलिंग से लेकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए खुद को तैयार करने में सक्षम होंगे।

नितिज्ञ कुमार, सिदगोड़ा

बच्चों के लिए यह एक बड़ा प्लेटफार्म है, जहां पर वो पढ़ाई के साथ ही कुछ अलग भी कर सकते हैं। जब मुझे मालूम हुआ तो मैंने तुरंत ऑनलाइन अप्लाई करने को कहा। स्टूडेंट लाइफ में ही हम सबसे अधिक किएटिव होते हैं यह सीखने की उम्र है। सब कुछ जानें और उनके महत्व को समझें।

सत्यानंद झा, गोविंदपुर

बोले स्टूडेंट्स

चांदनी चौक परसुडीह से मां के साथ आया हूं। रेडियो में सुना था, पहली बार पेपर में बैठा लेकिन टाइम मैनजमेंट बेहतर न होने के कारण बहुत सारे प्रश्नों के उत्तर नहीं दे सका। परीक्षा का स्टैंडर्ड बेहतरीन रहा। टाइम मैनेजमेंट नहीं कर पाया, जिसके चलते बहुत सारे प्रश्न छूट गये,

हितेश बाग

पेपर का स्टैंडर्ड बहुत बेहतर था, मैंने और मेरे भाई दोनों ने आवेदन कर परीक्षा दी। मैंने परीक्षा को एन्जॉय किया। कई प्रश्नों ने छकाया लेकिन निश्चित यह अनुभव बेहतर रहा है, जहां मुझे 100 प्रश्न के लिए 80 मिनट मिले थे। एक मिनट से कम समय में एक प्रश्न करना है।

देवजीत घोष

परीक्षा के बारे में एक फ्रेंड ने बताया था, इस बार हम दोनों ने ही आईाआईटी में अप्लाई किया था। गणित के प्रश्नों से थोड़ी मुश्किल हुई है, लेकिन महौल अच्छा मिला। अगली बार और बेहतर तैयारी के साथ परीक्षा में पार्टिसिपेट करूंगी।

दीप्ति नायक

मैंने कक्षा पांच का पर्चा दिया था, मुझे बहुत बेहतर लगा। मैं हर साल परीक्षा में शामिल होंगी, मॉम ने मेरे को इसके लिए काफी तैयारी करवाई थी। ओएमआर सीट में बहुत सी गलती हुई, लेकिन आगे से मैं बेहतर करने की कोशिश करूंगी।

फलक कुमारी

मैंने 10 स्टैंडर्ड का एग्जाम दिया था। प्रश्न अच्छे थे, बोर्ड से पहले मुझे खुद का अच्छे आंकलन का मौका मिला। इससे मुझे मेन एग्जाम की तैयारी में मदद मिलेगी। गणित और अग्रेंजी की परीक्षा में दिक्कत होने से मुझे और मेहनत की जरूरत दिखने लगी है।

मनशा चालवा

मैंने इस बार 12वीं की परीक्षा दी थी। परीक्षा में पार्टिसिपेट करने के लिए फादर ने काफी सपोर्ट किया। मैं इतनी तैयारी नहीं कर पाया था, लेकिन अगली परीक्षा के लिए खुद को बेहतर तरीके से तैयार कर आना है। परीक्षा के लिए दैनिक जागरण आईनेक्स्ट का शुक्रिया अदा करता हूं।

सर्वेश कुमार