छ्वन्रूस्॥श्वष्ठक्कक्त्र: ग्रेजुएट कॉलेज साकची में पिछले तीन दिनों से जारी एनसीसी कैडेटों के बीच विवाद ने शनिवार को हंगामे का रूप ले लिया एनसीसी कैडेटों के बीच इस विवाद के कारण झड़प भी हुई। सीनियर कैडेट नंदिनी आचार्य के अपशब्दों से नाराज कैडेट पूनम परवीन ने कॉलेज के तीसरे तल्ले से कूदने का प्रयास किया। कैडेट को तीसरे तल्ले से कूदने का प्रयास करते देख अभाविप की नमिता पाठक, ज्योति दास सहित कई अन्य कैडेट तीसरे तल्ले पर पहुंची तथा कूदने से मना किया। कैडेट को नीचे उतारने के बाद ¨प्रसिपल के साथ कैडेट्स की जमकर बहस हुई। कैडेटों के बीच आपस में झड़प भी होती रही। मामला गंभीर होता देख ¨प्रसिपल डीके धंजल ने साकची पुलिस को इसकी जानकारी दी। पुलिस के पहुंचने के बाद मामला शांत हुआ। दोनों पक्षों को समझाया गया। थाना में जाकर एनसीसी कैडेट के बीच समझौता करा सभी को छोड़ दिया।
ऐसे शुरू हुआ बवाल
शनिवार को दोपहर 12 बजे से कॉलेज में हंगामा प्रारंभ हुआ और दोपहर लगभग तीन बजे तक चला। दरअसल पूरा मामला गुरुवार से चल रहा है। सीनियर कैडेट नंदिनी आचार्य ने रोजाना प्रैक्टिस के लिए कैडेट्स को बुलाया। कैडेट्स को जय ¨हद का नारा लगाने को कहा। इसमें एक कैडेट काजल ऊंची आवाज में नहीं बोल पा रही थी तो सीनियर कैडेट ने इस कैडेट को नीलडाउन कराया। बाद में यह कैडेट बेहोश हो गई। मामले की जानकारी उनके अभिभावक को एनसीसी कार्यक्रम पदाधिकारी शांति बनर्जी द्वारा दी गई। शुक्रवार को इस मामले को लेकर एनसीसी कैडेट एवं अभिभावकों के बीच बैठक आयोजित की गई। इसमें भी गाली गलौज तक बात पहुंच गई। शनिवार को जब कैडेट पूनम को सीनियर कैडेट नंदिन ने अपशब्दों का प्रयोग किया तो कैडेट अपना आपा खो बैठी। उसने तीसरे तल्ले से कूदने का प्रयास किया। कैडेट्स ने ¨प्रसिपल व एनसीसी पदाधिकारी पर आरोप लगाया कि वे लोग एकतरफा निर्णय ले रहे हैं, अन्य कैडेट्स की बात नहीं सुन रहे हैं। इस आरोप-प्रत्यारोप के बीच जमकर हंगामा हुआ। मालूम हो कि ग्रेजुएट कॉलेज में कई बार मारपीट हो चुकी है, यहां तक तीसरे तल्ले से कूदने का प्रयास कई छात्राएं कर चुकी है। इसके बाद भी कॉलेज प्रबंधन नहीं चेत रहा।
एनसीसी पदाधिकारी से लिया गया इस्तीफा : ¨प्रसिपल
ग्रेजुएट कॉलेज में हुए हंगामे के बाद अधिकतर कैडेट्स की मांग पर ¨प्रसिपल डॉ। डीके धंजल ने एनसीसी पदाधिकारी शांति बनर्जी से इस्तीफा ले लिया है। उनकी जगह अभी किसी को एनसीसी पदाधिकारी नियुक्त नहीं किया गया है। ¨प्रसिपल ने कहा कि विवाद दो दिनों से चल रहा था। मामले का हल करने का प्रयास किया गया। बेवजह मामले को रंग दिया गया।