JAMSHEDPUR: मंगलवार को घाघीडीह सेंट्रल जेल में कैदियों के बीच हुए खूनी संघर्ष में सजायाफ्ता कैदी मनोज सिंह की मौत हो जाने के मामले में जेल अधीक्षक सत्येंद्र चौधरी के बयान दो कक्षपाल समेत 17 कैदियों के खिलाफ परसुडीह थाने में हत्या की प्राथमिकी दर्ज की गई है। प्राथमिकी में जेल अधीक्षक ने कहा है कि आरोपितों ने मनोज की लाठी-डंडे से पीट-पीटकर हत्या कर दी और सात बंदियों पर जानलेवा हमला किया। पुलिस ने मामले में जेल के कक्षपाल पंकज मंडल, राम प्रसाद चौधरी, संतोष एवं एक अन्य को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है तो वहीं संविदा पर रखे गए कक्षपाल पुरुचिया मुंडा और अविनाश कुमार को बर्खास्त कर दिया है।
वहीं इधर, सजायाफ्ता बंदी पंकज दुबे पर जानलेवा हमला करने वाले नौ विचाराधीन और एक सजायाफ्ता बंदी समेत अज्ञात के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। जेल के सीसीटीवी फुटेज में पूरे मामले की गतिविधि कैद है। फुटेज के आधार पर ही जेल प्रशासन ने मामले में शामिल बंदियों और जेलकर्मियों की पहचान की है।
इन पर हत्या का केस
मनोज पर लाठी चलाने वाले सजायाफ्ता वासुदेव महतो, रामेश्वर अंगारिया, गंगा खडैत, अरुण कुमार बोस, रमाय करुवा, जानी अंसारी, अजय मल्लाह, गोपाल तिरिया, पिंकू पूर्ति, श्यामू जोजो, संजय दिग्गी, रामराय सुरीन, शिवशंकर पासवान, शरत गोप, कक्षपाल अनिल कुमार और पंकज मंडल, राम प्रसाद, संतोष कुमार और अन्य के खिलाफ हत्या का केस दर्ज किया गया है।
पंकज दुबे से मारपीट करने वाले बंदी
मनोज सिंह (मारा गया), विचाराधीन बंदी हरिश सिंह, ऋषि लोहार, अविनाश श्रीवास्तव, सोनू लाल, सुमित सिंह, अजीत दास, तौकिर, सौरभ सिंह, शोएब अख्तर उर्फ शिबू एवं अन्य।
यह है पूरा मामला
मंगलवार की शाम को जेल में टेलीफोन बूथ पर बातचीत करने को लेकर अखिलेश सिंह और पंकज दुबे के गुर्गो के बीच मारपीट हो गई थी। कैदियों के बीच मारपीट होने के बाद पगली घंटी बजा दी गई। इसके बाद सजायाफ्ता बंदियों और जेलकर्मियों द्वारा लाठी-डंडे से मारपीट कर कैदी मनोज सिंह को घायल कर दिया गया था। बाद में उसकी मौत हो गई। मनोज सिंह दहेज हत्या मामले में सजा काट रहा था। इस मारपीट में सुमित सिंह समेत सात बंदी घायल हो गए थे।