-कोल्हान यूनिवर्सिटी ने 6ठे साल में रखा कदम, 5वें स्थापना दिवस पर चाईबासा में हुए कार्यक्रम
-वीसी ने स्टूडेंट्स के ओवरऑल डेवलपमेंट की बात की, कई प्रिंसिपल्स और सिंडिकेट मेंबर्स भी पहुंचे चाईबासा
-स्थापना दिवस कार्यक्रम से स्टूडेंट्स ने खुद को अलग रखा, व्यवस्था में सुधार का लिया संकल्प
JAMSHEDPUR : टीचर्स अपनी जिम्मेवारी को समझें। वे स्टूडेंट्स को सिर्फ किताबी ज्ञान देने के लिए नहीं हैं। स्टूडेंट्स की पर्सनेलिटी के ओवरऑल डेवलपमेंट के बारे में उन्हें सोचना चाहिए। एक विषय पर ज्ञान देना ही शिक्षा नहीं है, बच्चों को हर क्षेत्र में ज्ञान देने की जरूरत है। तभी संपूर्ण व्यक्तित्व का निर्माण संभव है। यह बातें टाटा कॉलेज के बिरसा मेमोरियल हॉल में आयोजित कोल्हान विश्वविद्यालय के स्थापना दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित कोल्हान विश्वविद्यालय के कुलपति डा। आरपीपी सिंह ने अपने संबोधन में कही। रिस्पेक्ट डिमांड नहीं बल्कि कमांड होनी चाहिए। उन्होंने कहा टीचर्स और स्टाफ अपनी जिम्मेदारी दूसरों पर न थोपें बल्कि स्वयं उस समस्या का समाधान करने का प्रयास करें।
तो केयू की वेबसाइट पर डालें प्रॉब्लम
वीसी डॉ आरपीपी सिंह ने इस मौके पर कहा कि समस्या का समाधान संभव नहीं हो तो कोल्हान विश्वविद्यालय के वेबसाइट पर डाल दें। उचित समस्या का समाधान किया जाएगा। उनका कहना था कि इसके लिए खुद को सुधारने की जरूरत है। शिक्षा का दीप जले तभी समाज का विकास होगा। उनका कहना था कि यहां शिक्षकों की काफी कमी है। क्षेत्रीय भाषाओं की पढ़ाई नहीं हो पा रही है। कई कॉलेज में शिक्षक हैं पर बच्चे क्लास में नहीं आते, इसे दूर करने के लिए सम्मिलित रूप से प्रयास करने की जरूरत है। इसके लिए आंदोलकारियों को आंदोलन करने की जरूरत है।
संसाधनों के अभाव में भी आगे बढ़ रहे
इस मौके पर डॉ। पद्मजा सेन ने कहा कि लक्ष्य की ओर आकर्षण होना भी एक लक्ष्य है। इस छह साल के दौरान कई संसाधनों के अभाव में भी कई बाधा को पार करते हुए अपेक्षाओं के प्रति खरा उतरने का प्रयास किया जा रहा है। परीक्षा नियंत्रक डॉ गंगा प्रसाद ने कहा कि संसाधन की कमी, पर्याप्त ज“ह एवं कर्मचारियों की कमी के बावजूद भी समय पर काम करने का प्रयास किया जा रहा है। सिंडिकेट सदस्य राजेश शुक्ला ने कहा कि यहां आधारभूत संरचना की कमी है। शिक्षा को बढ़ावा देना जनप्रतिनिधियों का दायित्व होना चाहिए। इसके लिए उन्होंने राज्य सरकार से सहयोग की अपील करने का आश्वासन दिया। आदिवासी हो समाज सेवानिवृत संगठन के सुशील पुरती, दिगंबर हांसदा आदि ने सभा को संबोधित किया। इसके पूर्व अतिथियों ने बिरसा मुंडा के प्रतिमा पर माल्यार्पण कर दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया किया। इसके बाद अतिथियों को विभिन्न प्रकार का पौधा देकर सम्मानित किया गया।
रिटायर्ड टीचर्स और स्टाफ को मिला सम्मान
उसके बाद महिला कॉलेज से सेवानिवृत कर्मचारी शेरू चांपिया, वीमेंस कॉलेज जमशेदपुर के विनय मजूमदार, को-ऑपरेटिव कॉलेज जमशेदुपर के गंगा प्रसाद झा एवं रितेश्वर नाथ सिंह को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया। इन्हें सेवानिवृति का लाभ दिया गया। सम्मान के साथ ही इन्हें इनकी बकाया राशि का भी भुगतान इस मौके पर ि1कया गया।
हुआ कल्चरल प्रोग्राम
स्थापना दिवस के मौके पर कई सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए गए। स्टूडेंट्स द्वारा पेश किए गए डांस और गानों ने ऑडियंस का मन मोह लिया। इसमें वीमेंस कॉलेज जमशेदपुर की छात्राओं ने गणेश वंदना में कथक नृत्य पेश किया। वहीं ग्रेजुएट कॉलेज फॉर वीमेंस जमशेदपुर की एक छात्रा शास्त्रीय आधारित नृत्य पेश कर दर्शकों का मनोरंजन किया। एलबीएसएम कॉलेज जमशेदपुर की छात्र-छात्राओं ने सामूहिक आदिवासी लोक नृत्य पेश किया। वहीं टाटा कॉलेज की ओर से ठुमरी गजल पेश किया किया। महिला कॉलेज चाईबासा की ओर से समूह नृत्य पेश किया। वहीं एलबीएसएम कॉलेज जमशेदपुर की ओर से डांडिया नृत्य पेश का दर्शकों का मन मोह लिया। अंत में धन्यवाद ज्ञापन कोल्हान विश्वविद्यालय के कुलसचिव डा। धीरेंद्र नाथ महतो ने दिया। स्वागत भाषण प्रोवीसी डा। शुक्ला मोहंती ने दिया। इस दौरान सीवीसी डॉ एके उपाध्याय के अलावा को-ऑपरेटिव कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ आरके दास, ग्रेजुएट कॉलेज फॉर वीमेन की प्रिंसिपल डॉ उषा शुक्ला के अलावा दूसरे कॉलेजेज के प्रिंसिपल्स और काफी संख्या में ऑफिशियल्स और स्टाफ प्रजेंट थे।
स्टूडेंट्स प्रोग्राम से अलग रहे
एक तरफ जहां केयू के स्थापना दिवस पर कई तरह के प्रोग्राम ऑर्गनाइज हो रहे थे, वहीं स्टूडेंट्स ने इन कार्यक्रमों से खुद को अलग कर लिया था। चाईबासा में काफी संख्या में इकट्ठा हुए स्टूडेंट्स ने मिलकर संकल्प लिया कि यूनिवर्सिटी में जिस लेवल पर जितनी भी कमियां हैं उसे दूर करने की वे कोशिश करेंगे। उन्होंने यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन से स्टूडेंट्स के फेवर में काम करने की बात भी कही।