जमशेदपुर (ब्यूरो): डिमना डैम विस्थापितों की समस्या को लेकर जुगसलाई विधायक मंगल कालिंदी के नेतृत्व में टाटा कंपनी के लीगल विभाग में एक बैठक हुई। बैठक में विस्थापितों का मुद्धा उठा। इसके तहत अनाधिकृत डूब क्षेत्र के रैयतों को उचित मुआवजा हेतु दुबारा कार्रवाई करने, सभी रैयतों के साथ दुबारा जमीन सीमांकन करने, सक्षम पदाधिकारियों के साथ एक बार फिर से त्रिपक्षीय वार्ता शुरू करने को लेकर चर्चा हुई।
फसल होती है बर्बाद
विस्थापितों ने सबसे पहले अनधिकृत जमीन का मुआवजा देने की जरूरत बताई। उन्होंने कहा कि डैम में पानी बढऩे से रैयतों के जो पांच एकड़ से ज्यादा जमीन पर लगी फसल बर्बाद होती है। इसका मुआवजा मिलने के बाद ही आगे की वार्ता की जाएगी। इसपर टाटा कंपनी ने पहले रैयतों के अनधिकृत जमीन का सीमांकन कर उक्त जमीन कितने साल से डूब में आ रही है, इसे देखने के बाद ही क्षति पूर्ति तय करने की बात कही। विधायक मंगल कालिंदी ने कहा कि विस्थापितों की समस्या को लेकर वे गंभीर हैं। विधानसभा में भी उन्होंने मामले को उठाया है। इसे लेकर अगली बैठक 15 जून को रखी गई है।
इनकी रही मौजूदगी
बैठक में टाटा कंपनी के लैंड डिपार्टमेंट के अमित सिंह, विस्थापित कमेटी के कपूर बागी, मदन मोहन सोरेन, दीपक रंजीत, डिमना डैम विस्थापित देवन सिंह, सोहोन सिंह, भानु सिंह, सुधीर टुडू, प्रदीप कुमार सोरेन आदि उपस्थित थे।