जमशेदपुर (ब्यूरो): शनिवार को मुख्य अतिथि के रूप में नेपाल के ज्योतिष लक्ष्मण पति और विशिष्ट अतिथि के रूप में नेपाल के ज्योतिष राजीव आचार्य उपस्थित हुए। साथ ही बांग्लादेश के ज्योतिष यासिर अराफात मेहंदी उपस्थित थे। मौके पर दिल्ली से आए भारत भूषण भारद्वाज की पुस्तक दैवज्ञ शनि का विमोचन किया गया।
महत्वपूर्ण बिंदुओं पर प्रकाश डाला
दूसरे दिन प्रथम सत्र मेडिकल एस्ट्रोलॉजी में देश विदेश से आए ज्योतिर्विदों ने अपने ज्ञान साझा करते हुए महत्वपूर्ण बिंदुओं पर प्रकाश डाला। बताया कि कुंडलियों व हस्तरेखा के विश्लेषण से रोगों पर प्रकाश डालकर उसका सफल निदान किया जा सकता है। इस सत्र में बांग्लादेश से एस्ट्रोलॉजर यासर अराफात ने विभिन्न रासायनिक तत्वों के हाथ के संबंध से उत्पन्न होने वाली बीमारियों पर प्रकाश डाला। संस्थान के प्रोफेसर अभिजीत चक्रवर्ती ने कुंडली में बीमारी की पहचान कैसे की जाए इस बातों पर विशेष प्रकाश डालते हुए कहा कि कुंडली का जो रोग भाव होता है उसके ऊपर शुभ-अशुभ ग्रहों की दृष्टि संबंध पर विशेष ध्यान देने से हमें बीमारियों का पता चलता है।
मरीज का मिलता है लाभ
इसके बाद कैसर संस्थापक प्रोफेसर एसके शास्त्री ने मेडिकल एस्ट्रालोजी ट्रांसक्रिप्शन पर प्रकाश डालते हुए बताया कि रोगी की सटीक चिकित्सा हेतु यह टेक्नोलॉजी किस तरह काम करती है। इसके तहत डॉक्टर और मरीज की कुंडली का मिलान कर मरीज को चिकित्सा का लाभ दिया जाता है। इसके साथ ही उन्होंने हाथ देखने की मौलिक एवं वैज्ञानिक नियमों का विश्लेषण किया। रामगढ़ से आए प्रोफेसर यशवंत कुमार सिंह ने हाथों से बीमारियों की पहचान पर विशेष प्रकाश डाला साथ ही उन्होंने बताया कि यदि हाथ में मंगल खराब हो तो इससे कई बीमारियों का निर्धारण होता है। वहीं डॉ राजेश भारती ने भी इस विषय पर विशेष प्रकाश डालते हुए कुंडली के बाधित भावों से बीमारियों के सूत्र के बारे में बताया। सत्र की अध्यक्षता कर रहे डॉ एन कुमार ने मेडिकल एस्ट्रोलॉजी की व्यापकता पर प्रकाश डालते हुए इसकी असीम संभावनाओं की जानकारी दी।
अपने शोध साझा किए
दूसरे सत्र में प्रेडिक्टिव एस्ट्रोलॉजी पर देश-विदेश से आए विद्वानों, ज्योतिष अभिलाषा, महात्मा पांडे, भास्कर, कौशल किशोर जोशी, ज्योतिष धनराज एवं अन्य ने अपने शोध एवं ज्ञान साझा किए। सत्र की अध्यक्षता करते हुए डॉ सुरेश कुमार झा ने सभी वक्ताओं द्वारा साझा किए गए वक्तव्यों का विश्लेषण करते हुए कहा कि ज्योतिषी बहुत बड़े समाज सुधारक हैं, अत: इस विषय का गहनता से अध्ययन कर, विशेषकर ज्योतिष की कई शाखाओं मे से किसी भी विशेष एकाधिक शाखाओं मे अति विशिष्टता हासिल कर पाएं तो वे समाज का और भी अधिक भला तो कर सकते हैं। उन्होंने मेडिकल की तरह ही जोतिषियों को भी विशिष्ट ज्योतिषियों को रेफर किए जाने का प्रचलन बढ़ाने पर बल दिया। सत्र के अंत में पूर्व से पंजीकृत सैकड़ों स्थानीय लोगों ने शाम 5 बजे से रात 10 बजे तक होने वाले नि:शुल्क ज्योतिष परामर्श का लाभ उठाया।