जमशेदपुर(ब्यूरो)। बागबेड़ा जलापूर्ति योजना लगातार चर्चा और विवादों में बनी रहती है। इस योजना के तहत क्षेत्र के एक हजार से ज्यादा घरों में वर्षों से अशुद्ध पानी की आपूर्ति से क्षेत्र के लोग नाराज है। मामले में फिल्टर प्लांट निर्माण के लिए उपलब्ध करीब 21 लाख रुपए की राशि के गबन का भी आरोप लगाया गया है। इस मामले को लेकर कोर्ट में जनहित याचिका दायर करने की तैयारी की जा रही है।
जनहित याचिका का निर्णय
जलापूर्ति को लेकर आज बागबेड़ा कॉलोनी रोड नंबर 1 निवासी राजेश कुमार के घर में कॉलोनी के लोगों की बैठक हुई। बैठक में भाजपा नेता सुबोध झा ने विभाग और पंचायत पर बागबेड़ा कॉलोनी की जनता को अशुद्ध पानी सप्लाई कर पिलाने का आरोप लगाया। इसके बाद मामले में न्यायालय में जनहित याचिका दायर करने का प्रस्ताव रखा। बैठक में उपस्थित कांग्रेस नेता अजय ओझा ने जनहित याचिका दायर करने एवं विभाग एवं पंचायत के द्वारा जनता को परेशान करने के प्रस्ताव को सही बताते हुए इसका समर्थन किया।
1140 घरों में होती है जलापूर्ति
उन्होंने कहा कि विभाग एवं पंचायत के द्वारा बागबेड़ा के 1140 क्वार्टरों एवं अगल बगल की बस्तियों जैसे रामनगर, पोस्तो नगर, लोहा सिंह बागान, मिथिला कॉलोनी एवं प्राइवेट घरों में बागबेड़ा हाउसिंग कॉलोनी जलापूर्ति योजना से जुड़े लोगों को भी अशुद्ध पानी की सप्लाई की गई है। मामले में पंचायत का कहना है कि विभाग सही व्यवस्था नहीं दे रही और जिला प्रशासन का सहयोग नहीं मिल रहा। वहीं विभाग का कहना है कि उनकी कोई जवाबदेही नहीं है क्योंकि सारी जवाबदेही पंचायत को दे दी गई है।
21.63 लाख के बंदरबांट का आरोप
सुबोध झा ने कहा झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास की सरकार में फिल्टर प्लांट निर्माण एवं मोटर के लिए एवं बागबेड़ा कॉलोनी के जनता को स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था उपलब्ध कराने के लिए सरकार ने 21 लाख 63 हजार रुपया फिल्टर प्लांट को सुदृढ़ करने के लिए विभाग एवं पंचायत को उपलब्ध कराया था। फिल्टर प्लांट में दो नए मोटर को लगाना था और फिल्टर प्लांट का पूर्ण रूप से ध्वस्त हुए फिल्टर को स्वच्छ बनाना था। कहा जा रहा है कि मोटर को छुपा कर रख दिया गया और बराबर मोटर जलने के नाम पर लाखों रुपये का बंदरबांट किया गया। कॉलोनी वासियों को कभी भी फिल्टर कर पानी उपलब्ध नहीं कराया गया।
ब्लीचिंग पाउडर भी नहीं
पंचायत और विभाग के साथ कई बार वार्ता हुई, जिसमें 13000 रुपए प्रति माह ब्लीचिंग पाउडर की व्यवस्था के लिए पंचायत को उपलब्ध कराने के लिए कहा गया, लेकिन ना विभाग ने साफ सफाई कराने का कार्य किया ना ही पंचायत ने साफ सफाई कराने का कार्य किया और बिना फिल्टर वर्षों से पानी की आपूर्ति की जा रही है। इसे देखते हुए स्थानीय लोगों ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर करने का निर्णय लिया है। बैठक में अधिवक्ता दीपक शर्मा, अधिवक्ता विनोद कुमार सिंह, समाजसेवी विनोद सिंह, विजय ठाकुर, राजेश पांडे, अमित कुमार सिंह, जितेंद्र कुमार, वीरेंद्र प्रसाद, अनिल गुप्ता उपस्थित थे।