JAMSHEDPUR: झारखंड तीरंदाजी में शनिवार को एक नया अध्याय जुड़ा। सुबह 11 बजे राष्ट्रपति रामनाथ को¨वद ने टाटा टाटा आर्चरी एकेडमी से जुड़े अंतरराष्ट्रीय तीरंदाज धर्मेंद्र तिवारी को द्रोणाचार्य पुरस्कार से सम्मानित किया। यह तीसरा मौका था, जब टाटा आर्चरी एकेडमी से जुडे़ किसी प्रशिक्षक को द्रोणाचार्य पुरस्कार से सम्मानित किया गया। वर्ष 2007 में संजीव कुमार को तथा 2013 में पूर्णिमा महतो को यह सम्मान मिल चुका है। कोरोना संक्रमण के कारण यह पहला मौका था, जब खिलाडि़यों व प्रशिक्षकों को यह सम्मान ऑनलाइन दिया गया। पूर्वी क्षेत्र से धर्मेंद्र तिवारी के अलावा बंगाल के दिवंगत तैराकी कोच सचिन नाग को द्रोणाचार्य पुरस्कार से नवाजा गया। वहीं बंगाल के तीरंदाज अतानु दास तथा ओडिशा की एथलीट द्युति चंद को भी अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया। पूर्वी क्षेत्र के सभी सम्मानित खिलाड़ी व कोच ने कोलकाता के निजाम पैलेस में सम्मान हासिल किया। सभी खिलाड़ी व कोच कोलकाता के निजाम पैलेस पहुंच गए थे, जहां उन्हें दिल्ली से शनिवार को राष्ट्रपति रामनाथ को¨वद ऑनलाइन सम्मान दिया।
है यादगार क्षण
सम्मान ग्रहण करने के बाद धर्मेंद्र तिवारी ने कहा कि यह मेरे लिए यादगार क्षण है। पिछले तीन दशक से तीरंदाजी की सेवा करने के बाद जब सम्मान मिलता है तो बड़ी खुशी होती है। इस सफर में साथ देने वाले माता-पिता, टाटा स्टील, टाटा तीरंदाजी अकादमी, साई, झारखंड तीरंदाजी संघ, भारतीय तीरंदाजी संघ को शुक्रिया कहा.उन्होंने कहा कि सम्मान हासिल करने के बाद उनकी जिम्मेवारी भी बढ़ गई है। ओलंपिक पदक हासिल किए बगैर यह सफर नहीं रुकेगा।
जारी है सफर
धर्मेंद्र तिवारी ने अपनी निगरानी में कई ओलंपियन तैयार किए हैं। अब भी यह सफर जारी है। वे अब अंकिता भगत, कोमलिका बारी और जयंत तालुकदार को टोक्यो ओलंपिक के लिए तैयार करने में जुटे हैं। उनके प्रशिक्षण में दीपिका कुमारी, डोला बनर्जी, रीना कुमारी के अलावा भी कई खिलाड़ी देश को मिल चुके हैं। इनमें बी परिणीता, लक्ष्मी रानी मांझी के साथ-साथ अतनु दास, रॉबिन हांसदा, गौतम सिंह, हरिश्चंद्र और राहुल बनर्जी जैसे नाम भी शामिल हैं।