जमशेदपुर (ब्यूरो): मच्छर जनित बीमारियों की रोकथाम को लेकर स्वास्थ्य विभाग के साथ ही शहरी निकायों द्वारा भी अभियान चलाया जा रहा है। हालांकि, इस बार अभी तक डेंगू पॉजिटिव मामलों की संख्या ज्यादा नहीं आई है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग बाहर से आने वाले लोगों पर नजर रख रहा है। वर्ष 2023 में झारखंड में डेंगू मरीजों की बढ़ती संख्या ने पिछले चार सालों का रिकॉर्ड तोड़ दिया था। पिछले साल डेंगू के 1534 नए मरीज मिले थे। शहर में इस साल अभी तक डेंगू के 11 मरीज मिले हैं, जिनमें नौ बैंगलुर से आए हैं।

हर एरिया प्रभावित

पूर्वी सिंहभूम जिला में करीब-करीब सभी एरिया डेंगू से प्रभावित हैं। हालांकि, शहरी क्षेत्र में मानगो, गोलमुरी, बारीडीह, बागबेड़ा, सिदगोड़ा, बिरसानगर, बिष्टुपुर, परसुडीह, साकची, सोनारी के अलावा ग्रामीण क्षेत्र में चाकुलिया, पोटका, मुसाबनी सहित अन्य एरिया डेंगू से ज्यादा प्रभावित हैं। विगत वर्ष शहरी क्षेत्र में 1264 और ग्रामीण क्षेत्रों में केवल 181 डेंगू के मामले सामने आए।

खबर पब्लिश होने के बाद हुआ एंटी लार्वा का छिड़काव

डेंगू को लेकर दैनिक जागरण आई नेक्स्ट द्वारा लगातार अभियान चलाया जा रहा है, ताकि लोग जागरुक हो सकें और जिम्मेदार लोगों को भी पता चल सके कि कहां सफाई और कहां एंटी लार्वा के छिड़काव की जरूरत है। थर्सडे को न्यूजपेपर में पब्लिश होने के बाद कदमा रामजनमनगर और बिष्टुपुर सहित अन्य क्षेत्रों में साफ-सफाई के साथ ही एंटी लार्वा का छिड़काव किया गया।

कम उम्र के बच्चे भी बीमार

एक आंकड़े के मुताबिक, डेंगू के 34 प्रतिशत एवं चिकनगुनिया के 29 प्रतिशत मरीजों की उम्र 0 से 15 वर्ष तक है। स्वास्थ्य विभाग ने इसे लेकर पहले ही अलर्ट जारी किया था। राज्य मुख्यालय ने सभी जिलों के सिविल सर्जन को पत्र लिखकर डेंगू, चिकनगुनिया और मलेरिया के मामलों पर नजर रखने और सभी सरकारी अस्पतालों में इन बीमारियों के इलाज के लिए समुचित व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा था। राज्य के सबसे बड़े हॉस्पिटल रिम्स में डेंगू के आइसोलेशन वार्ड में मरीजों का इलाज किया जा रहा है।

पोलियो से मिली मुक्ति

शहर में टीबी और पोलियो जैसी गंभीर बीमारी से मुक्ति मिल गई है। पोलियो का तो उन्मूलन हो गया है और जहां तक टीबी की बात है, तो जिला स्वास्थ्य और टीबी विभाग के प्रयास से पूर्वी सिंहभूम जिला के 648 से ज्यादा गांव टीबी के कलंक से मुक्त हो गए हैं। टीबी के प्रति लोगों में जागरुकता भी बढ़ी है, लेकिन डेंगू आदि को लेकर लोगों में अब भी जागरुकता की कमी देखने को मिल रहा है।

कितने टीबी मरीज और कितने हुए स्वस्थ

यूनिट - मरीज - स्वस्थ

बहरागोड़ा - 490 - 159

धालभूमगढ़ - 556 - 86

टीबी अस्पताल - 1307 - 357

घाटशिला - 410 - 191

जुगसलाई - 754 - 192

मानगो - 723 - 228

मुसाबनी - 470 - 46

पटमदा - 407 - 164

पोटका - 541 - 145

सदर अस्पताल - 696 - 300

डेंगू से ज्यादा प्रभावित इलाके

एरिया - डेंगू के मामले

मानगो - 225

गोलमुरी - 55

बारीडीह - 74

कदमा - 100

साकची - 60

बिष्टुपुर - 55

टेल्को - 131

चाकुलिया - 105

(वर्ष 2023 का आंकड़ा)

किस वर्ष कितने मिले मरीज

वर्ष - डेंगू - चिकुनगुनिया - जेई - मौत

2020 - 00 - 00 - 02 - 00

2021 - 38 - 15 - 13 - 04

2022 - 32 - 01- 15 - 00

2023 - 1264 - 80 - 02 - 03

2024 - 11 - 00 - 00 - 00

स्वास्थ्य विभाग और नगर निकाय द्वारा अभियान चलाया जा रहा है। डेंगू चेकर्स की टीम के साथ स्वास्थ्य विभाग की टीम भी लार्वा की जांच कर रही है। लोगों को भी जागरुक होने और साफ-सफाई रखने की जरूरत है।

डॉ। ए मित्रा, डीएमओ, पूर्वी सिंहभूम

डेंगू हर वर्ष का प्रॉब्लम हो गया है। इससे बचने के लिए अपने घर में रखे कूलर, पानी की टंकी की सफाई के साथ ही छत पर पानी नहीं जमा होने देना चाहिए। बच्चों को ऑडोमॉस लगाकर ही स्कूल भेजें।

छवि विश्वकर्मा

शहर में डेंगू के ममले में साल दर साल वृद्धि हो रहीी है, जो चिंता का विषय है। लोगों में सतरकता की भारी कमी है। लोगों को डेंगू के लक्षणों और इसके बचाव की जानकारी देनी चाहिए। प्रशासन को भी अपनी तैयारी मजबूत करने की जरूरत है।

पपाई चक्रवर्ती, कदमा

हमारे इलाके में डेंगू से बचाव को लेकर प्रशासन की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। न तो समय पर फॉगिंग होती है और न ही स्वच्छता के उपाय किए जाते हैं। हमे खुद ही सारे प्रयास करने पड़ते हैं।

तापस, सोनारी

डेंगू से बचाव के लिए शहर में सफाई व्यवस्था का महत्वपू्र्ण रोल है। इस बीमारी के फैलने का मुख्य कारण जमा पानी और मच्छरों का विकास होता है। नगर निकायों को इस पर ध्यान देना चाहिए। अब तो डेंगू के मामले भी बढऩे लगे हैं, ऐसे मे ध्यान देना जरूरी है।

सोमेन्द्रनाथ