जमशेदपुर (ब्यूरो): बरसात और ठंड के बीच मच्छर जनित बीमारियों का फैलाव तेजी से होता है। डेंगू इन्हीं में से एक है। अभी स्थिति यह है कि जमशेदपुर के सदर अस्पताल और एमजीएम में नए मरीज भी इलाज के लिए पहुंच रहे हैं। जमशेदपुर के विभिन्न हॉस्पिटल्स में दो दर्जन से अधिक वायरल फीवर के मरीज आ रहे हैं जिस में जाँच के बाद डेंगू की पुष्टि कर मरीजों का इलाज चल रहा है। एमजीएम अस्पताल में डेंगू के कई संदिग्ध मरीजों का इलाज हो रहा है और मलेरिया के मरीजों को भी आइसोलेशन वार्ड में रखा गया। विशेषज्ञ जहां इस गंभीर बीमारी के इलाज पर फोकस कर रहे हैैं, वहीं प्रशासनिक स्तर पर इसके रोकथाम और बचाव को लेकर बहुत ज्यादा अवेयरनेस नजर नहीं आ रही है। वैसे, इस बात पर जोर दिया जा रहा है कि अब डेंगू के जड़ पर वार करना होगा। यानी अब रोकथाम के लिए व्यापक स्तर पर कदम उठाने होंगे।

फॉगिंग मशीनों से छिडक़ाव

मानगो, जुगसलाई नगर निगम साथ ही जेएनएसी द्वारा शहर के अलग-अलग इलाकों में दवा का छिडक़ाव किया जा रहा है। फेस्टिव सीजन में रतार कम हो गई थी, लेकिन रोस्टर के अनुसार फिर से निगम के द्वारा छिडक़ाव किया जा रहा है। नगर निगम द्वारा इसके लिए डेडिकेटेड टीम का गठन भी किया गया है। मानगो नगर निगम, जुगसलाई और जेएनएसी द्वारा 11 से ज्यादा फॉगिंग मशीन से छिड़ाव किया जा रहा है।

ल्की बारिश में भी घरों में घुसता है पानी

राज्य बनने के 24 साल बाद भी जमशेदपुर के नन कंपनी इलाके में वाटर लागिंग की बेहतर व्यवस्था नहीं बन पाई है। इसके लिए अरबों रुपए खर्च कर दिए गए, लेकिन इसका कोई समाधान नहीं निकल पाया है। नन कंपनी के कई इलाकों में आधे घंटे के बारिश में ही सडक़ पर पानी बहने लगता है, कई जगह पानी जमा हो जाता है, जिसमे मच्छर पनपने लगते हैं।

नहीं किया जाता है अवेयर

जमशेदपुर शहर में हर साल डेंगू के मरीज मिलते हैं, लेकिन इसको लेकर लोगों को कभी भी अवेयर नहीं किया जाता है। नगर निकाय सिर्फ छिडक़ाव का काम करके अपने पल्ला झाड लेती है। इसको लेकर कभी भी स्कूल कॉलेज या सोसइटी में लोगों को अवेयर नहीं किया जा रहा है।

डॉक्टर भी आचंभित

एमजीएम के उपाधीक्षक डॉ नकुल चौधरी बताते हैं कि इस मौसम में इस तरह के मरीज मिलते नहीं हैं, लेकिन अभी भी मिलना आश्चर्य की बात है। इसमें देखा जा रहा है कि घरों के अंदर ही डेंगू के मच्छर पनप रहे हैं, जिसकी मुय वजह घर के अंदर रखे कूलर में जमे पानी, इंडोर प्लांट के गमले में जमे पानी आदि में डेंगू के लार्वा पनपते हैं। डॉक्टर बताते हैं कि शरीर में लाल चकत्ते की शिकायत लेकर लोग डॉक्टरों के पास पहुंच रहे हैं। डॉक्टरों के अनुसार लाल चकत्ते उभरने का अर्थ डेंगू हो सकता है। इस लक्षण के साथ मरीजों की डेंगू जांच करायी जा रही है।

काफी दिनों तक कमजोरी

एमजीएम अस्पताल के डॉक्टर बताते हैं कि 11 नवंबर को लास्ट डेंगू मरीजों को डिचार्ज किया गया। फिलहाल जितने भी मरीज डेंगू के आये उनसभी का प्लेटलेट काफी कम हो गया था, जिसके बाद इन्हें प्लेटलेट चढ़ाया गया और लगातार डाक्टरों की मानिटरिंग में इलाज चला। इसका नतीजा यह रहा है कि अब ये स्वस्थ तो हो गए हैं, लेकिन डेंगू ठीक होने के बाद भी कुछ दिनों तक कमजोरी रहती है जिसके लिए पौष्टिक आहार के साथ आराम की जरूरत पड़ती है।