जमशेदपुर (ब्यूरो) : सुभाष सांस्कृतिक परिषद द्वारा आज बिष्टुपुर स्थित मिलानी हॉल में आईएनए डे का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के आयोजक शेखर डे थे। उन्होंने कहा कि 30 दिसंबर 1943 भारत की आजादी से पूर्व आजादी के एक ऐतिहासिक दिन क्रांतिकारी सुभाष चंद्र बोस ने अंडमान निकोबार द्वीप समूह की भूमि प्रर तिरंगा फहराया था। उन्होंने इस दौरान आजादी के दौर से जुड़ी पूरी घटना को साझा करते हुए उपस्थित लोगों में जोश भर दिया।
आजादी अंग्रेजों से छिन लेंगे
शेखर डे ने कहा कि सुभाष ने कहा था कि भूख प्यार और मृत्यु की आग में तपकर कर हम अपनी आजादी अंग्रेजों से छिन लेंगे। हम अगर इस तरह तपे होते तो खरा सोना सबित हुए होते। नैतिक मूल्यों का हनन कर प्रप्त की हुई खुशी या आजादी वास्तव में हमे उतना सुख नहीं, देती जितना अच्छा चरित्र और सुविचारों की द्रष्टा से हासिल होती है। उन्होंने कहा कि इतिहास के दफन पन्नों में आज के दिनों में इन बातों को याद करना वास्तव में सुभाष और निष्पक्ष राजनीति को सम्मान देना है।