JAMSHEDPUR: गोलमुरी स्थित केबल ग्राउंड में दैनिक जागरण आई नेक्स्ट के 'मिलेयिल्स स्पीक' के तहत 'राजनीटी' का आयोजन किया गया। बुधवार को आयोजित इस प्रोग्राम में युवाओं ने 'बेरोजगारी कम करने में सरकार कितनी रही कामयाब, क्या यह चुनावी मुद्दा रहेगी?' इसपर मिलेनियल्स ने अपनी बेबाक राय रखी।
बेरोजगारी की बात से हुई शुरुआत
चर्चा की शुरुआत करते हुए राहुल सिंह तोमर ने कहा कि बेरोजगारी तो बढ़ी है, इसमे दोराय नहीं है, लेकिन सरकार ने बेरोजगारी कम करने के लिए कई कार्य किए, कई योजनाएं शुरू की गईं। उन्होंने कहा कि स्किल इंडिया तहत लाखों लोगों को प्रशिक्षण देकर कर सरकार रोजगार मुहैया करा रही है। इससे शहर व देश के करोड़ों युवाओं को फायदा हुआ है। झारखंड सरकार ने भी लोगों को रोजगार देने के लिए कई प्रयास किए हैं। उन्होंने कहा कि आने वाली सरकार उसी की बनाएंगे, जो हमारी उम्मीदों पर खरी उतरे और लोगों को रोजगार मुहैया कराए।
हुए हैं प्रयास
चर्चा को आगे बढ़ाते हुए मोहम्मद खतीब ने कहा बेरोजगारी इस सरकार की नहीं पिछली सरकारों की विफलता के कारण है। इसके कारण आज लोगों रोजगार नहीं मिल रहा है। वर्तमान सरकार लोगों को रोजगार मुहैया कराने के लिए काफी प्रयास कर रही है, वो चाहे किसी प्राइवेट कंपनी में हो या फिर स्वरोजगार। इन सभी के लिए विभिन्न तरह की योजनाएं बनाई जा रही हैं और उसे इंप्लीमेंट किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव के बाद आनेवाली सरकार से यही उम्मीद रहेगी कि वह लोगों को रोजगार मुहैया कराने के लिए और तेज गति से काम करे। चर्चा के दौरान विपिन सिंह ने कहा आज शहर में ही इतनी कंपनियां होने के बावजूद भी लोग रोजगार के लिए बाहर पलायन कर रहे हैं। युवाओं को रोजगार नहीं मिल रहा है।
बढ़ती जनसंख्या जिम्मेदार
बंटी सिंह ने कहा सरकार ने बेरोजगारी कम करने के लिए काफी कार्य किया है। सरकार की कई अच्छी योजनाओं की वजह से फिलहाल कुछ हद तक बेरोजगारी कम हुई है। उन्होंने कहा कि बेरोजगारी बढ़ने की सबसे बड़ी वजह जनसंख्या का बढ़ना है। जनसंख्या के अनुपात में रोजगार के साधन नहीं बढ़ रहे हैं। इस वजह से सभी लोगों को उनकी योग्यता के मुताबिक काम नहीं मिल पा रहा है।
बंद हो रही कंपनी
ओमप्रकाश ने कहा कि सरकार ने बेरोजगारी खत्म करने के लिए कई वायदे किए थे, लेकिन धरातल पर खास नजर नहीं आया। आज भी बेरोजगारी वैसी की वैसी ही है। घाटे में चल रही शहर की कई कंपनियां बंद हो गईं। इससे जमशेदपुर में सैकड़ों लोग बेरोजगार हो गए। कोशिश करने के बावजूद उन्हें दूसरी कंपनियों पर काम नहीं मिला। राम कल्लू शुक्ला ने कहा कि पिछले तीन-चार सालों में झारखंड में सैकड़ों कंपनियों के शटर डाउन हो गए। अगर कोई स्व रोजगार के लिए रोड किनारे ठेला-खोमचा लगाता है, उसे पुलिस मारकर भगा देती है। ऐसे में आखिर लोग करें तो क्या?
पलायन बन रही मजबूरी
चर्चा के दौरान अपनी बात करते हुए सुमित कुमार ने कहा कि बेहतर काम की तलाश में युवा राज्य से पलायन कर रहे हैं। मनरेगा में भी लोगों को हमेशा रोजगार नहीं मिल रहा है और अगर मिल भी रहा है तो पेमेंट में देर हो रही है। इस वजह से यह मजदूरों की पहली पसंद नहीं बन पा रहे हैं। ठेकेदार मजदूरों को भी शहर के कंपनियों में काम नहीं मिल रहा है। सरकार दो करोड़ रोजगार देने की बात करती है, पर जमीनी हकीकत कुछ और ही है। अगर हम शहर की बात करे को शहर में कई प्लांट बंद कर दिए गए है। सरकार को पहले उसे खुलवाना चाहिए। इससे सैकड़ों लोगों को रोजगार मिलेगा।
मेरी बात
सरकार ने बेरोजगारी कम करने के लिए कई कार्य किए है, कई योजनाएं शुरू किए, स्किल इंडिया तहत कई लोगो प्रशिक्षण देकर कर सरकार रोजगार मुहैया करा रही है। जिससे शहर तथा देश के कई करोड़ो युवाओं का फायदा मिला है। झारखंड सरकार ने भी लोगो को रोजगार देने में कई प्रयास किए है, आने वाली सरकार से यही उम्मीद रहेगी बेरोजगारी पर लगाम लगाए और लोगों के लिए रोजगार की व्यवस्था करे।
राहुल सिंह तोमर
कड़क मुद्दा
आज शहर में ही इतनी कंपनियां होने के बावजूद भी लोग रोजगार के लिए बाहर पलायन करने के लिए मजबूर हो रहे हैं। युवाओं को रोजगार नहीं मिल रहा है।
विपिन सिंह
बेरोजगारी कम करने के लिए सरकार ने काफी कार्य किया है। सरकार की कई योजनाओं के कारण आज कुछ हद तक बेरोजगारी कम हुई है, लेकिन इसे संतोषजनक नहीं कहा जा सकता है। बेरोजगारी बढ़ने का सबसे बड़ा कारण जनसंख्या का बढ़ना है।
बंटी सिंह
एक ही पार्टी के केंद्र तथा राज्य में सरकार है, पर बेरोजगारी दूर करने के लिए दोनों सरकारों के काम को संतोषजनक नहीं कहा जा सकता है। बेरोजगारी दूर करने के लिए सरकार ने कुछ काम तो किया, लेकिन उतना काफी नहीं है।
ओम प्रकाश
बिल्कुल इस चुनाव में बेरोजगारी एक अहम मुद्दा रहेगी। जिस तरह दिन प्रतिदिन बेरोजगारी दर बढ़ रही, उससे देश के युवा वर्ग आहत है। आज शहर के युवा नौकरी के लिए बाहर पलायन कर रहे है, माता पिता लाखों रुपय खर्च अपने बच्चों को पढ़ा रहे हैं, इतने रुपये खर्च करने के बाद भी नौकरी नहीं मिल रही है।
सुमित कुमार साहु
पिछले तीन-चार सालों में झारखंड की सैकड़ों कंपनियों में ताले लग गए। इससे बेरोजगारी और बढ़ गई। अगर बंद हुई कंपनियों को फिर से चालू करने की व्यवस्था की जाए तो बेरोजगारी पर कुछ हद तक लगाम लग सकती है।
राम कल्लू शुक्ला
बेरोजगारी के लिए सिर्फ वर्तमान सरकार को ही दोष देना ठीक नहीं है। पिछली सरकार की नीतियों की वजह से भी बेरोजगारी बढ़ी है। वर्तमान सरकार ने लोगो को रोजगार मुहैया कराने के लिए संतोषजनक प्रयास किया, वो चाहे किसी प्राइवेट कंपनी में रोजगार हो, या स्व रोजगार हो। इन सभी के लिए विभिन्न योजनाएं बनाई गई हैं।
मोहम्मद खतीब
आज सरकार द्वारा रोजगार देने के लिए कई कार्य किए हैं। सरकार अपने तरफ से कार्य कर रही है, पर जनसंख्या में बढ़ोतरी और सही एजुकेशन सिस्टम नहीं होने की वजह से बेरोजगारी बढ़ रही है।
मोहम्मद इमरान