जमशेदपुर (ब्यूरो): नाम में क्या रखा है, यह एक फिल्म का डायलॉग है। असल लाइफ में भी आपने कइयों को ऐसा कहते सुना होगा, लेकिन क्या आप जानते हैं कि आपका नाम काफी अहम है। यह आपके व्यक्तित्व का आईना है और आपके आस-पास लोगों का आपके बारे में क्या ओपिनियन है, यह भी मायने रखता है। साकची स्वर्णरेखा लिंक रोड स्थित राजेंद्र विद्यालय बिहार अडिटोरियम में अमृता विश्व विद्यापीठम के सहयोग से दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट करियर पाथवे सेमिनार में ये बातें सामने आईं। इसका उद्घाटन अमृता विश्व विद्यापीठम के एकेडमिक मैनेजर एवं काउंसलर डॉ शौरी कुटप्पा, असिस्टेंट मैनेजर रोहन पिल्लई सहित अन्य ने दीप जलाकर किया।
नाम खो न जाए, इसलिए करें काम
क्लिनिकल सायकोलॉजिस्ट डॉ मुकुल शर्मा ने जमशेदजी नसरवानजी टाटा का जिक्र करते हुए कहा कि जमशेदपुर के निर्माण में जमशेदजी का अहम योगदान है। उन्होंने सिटी के टेल्को स्थित भुवनेश्वरी मंदिर का नाम लेते हुए प्रणाम किया। इसके बाद नाम पर चर्चा की। कहा हमें मानव जन्म मिला है तो इसका ध्यान रखें कि यह कहीं खो न जाए और इसके लिए हमें जन्म और जिंदगी के बीच काम करना है।
तीन बातों पर करें फोकस
डॉ शर्मा ने कहा कि तीन बातों पर फोकस करना जरूरी है और वह है सुनना, समझना और करना, क्योंकि अगर हम करना पर फोकस करेंगे तभी सुनेंगे और समझेंगे। उन्होंने फॉर्मर प्रेसिडेंट डॉ कलाम का नाम लिया और कहा कि वे पायलट बनना चाहते थे और देश के प्रेसिडेंट बन गए। जब वे जेट से उतरे तो वहां मौजूद पायलट उन्हें सैल्यूट कर रहे थे। उन्होंने कहा कि हमें निराश नहीं होना चाहिए, क्योंकि हम जो चाहें कर सकते हैं। कहा कि कोविड काल में काफी बदलाव आया। पहले जॉब के 80 सेक्टर थे, लेकिन वे बढक़र अब 217 हो गए हैं।
एजुकेशन सिस्टम में लगातार आ रहे चेंजेज
सेमिनार में अमृता विश्व विद्यापीठम के एकेडमिक मैनेजर और काउंसलर डॉ शौरी कुटप्पा ने बताया कि आज का एजुकेशन सिस्टम मल्टी डिसिप्लनरी अप्रोच वाला है। इसमें लगातार चेंजेज आ रहे हैं। उन्होंने मेडिकल सेक्टर में एकोस्टिक इंजीनियरिंग के बारे में बताया। इसके अलावा कम्प्यूटर साइंस के भी कई ऐसे एरियाज हो चुके हैं जिससे इसका विस्तार हुआ है। इनमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग आदि शामिल हैं। उन्होंने कहा कि बदलते ट्रेंड में जो टेक्नोलाजी के साथ कदम से कदम मिलाकर चलेगा, वही आगे बढ़ सकता है। यह पढ़ाई और प्रोफेशन दोनों पर लागू होता है। उन्होंने बताया कि एक जमाना था जब सर्जरी के लिए केवल डॉक्टर होते थे, लेकिन अब रोबोट से भी यह काम आसानी से हो रहा है।
बदल गया करियर सिलेक्शन का तरीका
अगर करियर सेलेक्शन की बात करें तो पहले से लेकर अब तक इसमें काफी बदलाव आया है। इससे कम्पीट करने के लिए पूरी तैयारी के साथ प्लानिंग भी जरूरी है। अमृता विश्व विद्यापीठम के असिस्टेंट मैनेजर रोहन पिल्लई ने बताया कि पैशन, ट्रेंड और अपनी एबिलिटी और स्किल को चुनना जरूरी है। उन्होंने कहा कि जब तक इनका ध्यान नहीं रखा जाएगा, तब तक करियर के इलेक्शन में प्रॉब्लम बनी रहेगी।
स्टूडेंट्स ने पूछे सवाल
सेमिनार के दौरान स्कूली बच्चों ने सवाल भी पूछे, तो उन्हें उनके जवाब भी मिले। इस दौरान कई बच्चों ने सवाल किया और अपनी क्वेरी को शांत किया।
इन स्कूलों के बच्चे हुए शामिल
करियर पाथवे में विद्या ज्योति स्कूल, डैफोडिल्स हाई स्कूल, श्री कृष्णा पब्लिक स्कूल, बीएसएस प्रणव चिल्ड्रन वल्र्ड, करीम सिटी कॉलेज।
विनर्स को किया पुरस्कृत
इस दौरान लक्की ड्रॉ और क्विज के विनर्स को पुरस्कृत किया गया। सेमिनार के दौरान टेल्को स्थित शिक्षा निकेतन स्कूल की 12वीं की स्टूडेंट अंजलि क्विज की विजेता हुईं। उसे मौके पर ही मंच पर पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया।
इस तरह के कार्यक्रम हमलोगों के लिए अच्छे होते हैं। इससे आगे की पढ़ाई और फ्यूचर के संबंध में नई-नई जानकारी मिलती है।
श्रुति सिंह, विद्या ज्योति स्कूल
सेमिनार में करियर को लेकर महत्वपूर्ण सेक्टर्स की जानकारी दी गई। इससे हमें यह पता चला कि हम किस-किस क्षेत्र में करियर बना सकते हैं।
रिया नायक, विद्या ज्योति स्कूल
सेमिनार में हमें जानकारी मिली कि अभी करियर के क्षेत्रों में काफी बदलाव आया है और कई नए करियर ऑप्शन सामने आए हैं। यह जानकर अच्छा लगा।
भव्या सिंह, विद्या ज्योति स्कूल
दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट और अमृता यूनिवर्सिटी की ओर से आयोजित करियर सेमिनार में आकर काफी अच्छा लगा। हमें यहां आकर कई तरह की नई जानकारी भी मिली।
पीयूष कुमार, एसकेपीएस
करियर को लेकर कई तरह के कंफ्यूजन थे, लेकिन इस सेमिनार में आकर करीब-करीब सारे सवालों का जवाब मिल गया और हम सही निर्णय ले सकते हैं।
मोहित गुप्ता, एसकेपीएस
सेमिनार में आकर काफी अच्छा लगा और यहां करियर से रिलेटेड कई तरह की उपयोगी जानकारी मिली, जो काफी अच्छा है।
श्रुति चंद्रा, बीएसएस
इस तरह के सेमिनार का आयोजन होते रहना चाहिए, इससे करियर को लेकर कांसेप्ट क्लियर होता है और नई-नई जानकारी भी मिलती है।
गौरी कुमारी, बीएसएस
सेमिनार में आकर हमें पता चला कि कोविड के बाद काफी बदलाव आए हैं और करियर को लेकर कई नए विकल्प भी सामने आए हैं, जो अच्छा है।
डॉली कुमारी, डैफोडिल्स हाई स्कूल
सेमिनार में कई तरह के टिप्स मिले। कई जानकारियां भी मिलीं, जिसके बारे में हमें नहीं पता था। मुझे यहां काफी अच्छा लगा।
रितु कुमारी, डैफोडिल्स हाई स्कूल