JAMSHEDPUR: जैसे-जैसे लॉक डाउन के दिन बीत रहे हैं, वैसे-वैसे लोग इसके आदी होते जा रहा हैं। शहर में शनिवार को अन्य दिनों की अपेक्षा बेहद कम लोग ही नजर आए। इसकी एक वजह गर्मी का बढ़ना है, तो दूसरी वजह प्रशासन की सख्ती भी है। पुलिस-प्रशासन द्वारा घूम-घूम कर अनाउंसमेंट किए जाने के कारण मुख्य सड़कों पर लोग नहीं दिखाई देने लगे हैं। वहीं गली-मोहल्लों में अब भी हालत वैसी ही है, जैसी पहले दिन थी। इस बीच समाजसेवियों की पहल ने अनगिनत लोगों को राहत पहुंचाया है। किसी जरूरी काम से बाहर निकले लोगों को जरूरत के सामान खरीदना नहीं पड़ रहा है। लोग पानी, खाना, मास्क, सेनिटाइजर आदि फ्री में बांटते नजर आ रहे हैं। शनिवार को भी सिटी की सड़कों पर इसी तरह इंसानियत सड़कों पर बंटती नजर आई। बिना किसी बैनर के लोग नि:स्वार्थ सेवा दे रहे थे। राह चलते आम लोगों को रोक-रोक कर उन्हें खाना खिलाते लोग भी मिले और ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों, सफाईकर्मियों, मेडिकल स्टाफ आदि को नींबू पानी पिलाते लोग भी नजर आए। संकट के इस दौर में सिटी का माहौल इतना भाईचारा वाला था, जो पहले शायद ही देखने को मिलता हो। समाजसेवी सुबह से ही घूम-घूम कर लोगों की सेवा करते नजर आए।
सब्जी बाजार शिफ्ट
सुबह छह ही बजे पुलिस मनगो और डिमना रोड के किनारे लगने वाले सब्जी बजार को मनगो गांधी मैदान में बनाए गए सब्जी हाट में शिफ्ट करवाया गया। शनिवार को जिला प्रशासन सुबह से ही सख्ती के मूड में दिखा। सुबह शहर के कुछ बजार गुलजार रहें, वहीं दिन चढ़ते के साथ ही पूरा शहर सन्नाटे के आगोश में आ गया। सड़कों पर लोगों की संख्या अन्य दिनों की तुलना में काफी कम रही। हालांकि शनिवार को भी पुलिस की खातिरदारी के शौकिन कई जगह दिखाई दिए। उन्हें स्पेशल सर्विस से नवाजा भी गया। कहीं डंडे बरसे तो कहीं-कहीं बेवजह घर से बाहर निकले लोगों को उठक-बैठक कर बेइज्जत होना पड़ा। शनिवार को बड़ी संख्या में समाजसेवी गरीबों व जरूरतंमदो के बीच खाने पीने के समान बांटते दिखाई दिए। शनिवार कुल मिलाकर सिटी का महौल बदला हुआ नजर आया, लेकिन कोरोनावायरस के चेन को तोड़ने के लिए लोगों को और संयम बरतने की जरूरत है। अभी तक लोग घरेलू सामानों को अपनी सुरक्षा पर ज्यादा तरजीह दे रहे हैं। इससे कोरोना के खिलाफ जंग थोड़ी कमजोर जरूर नजर आती है, हालांकि 95 फीसदी से भी ज्यादा लोग पूरी तरह से लॉकडाउन का पालन करते नजर हुए अपने घरों के भीतर ही रह रहे हैं।