JAMSHEDPUR : महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज अस्पताल शुक्रवार को एमजीएम अस्पताल में सुपरवाइजर व कर्मचारियों के बीच हुई मारपीट के बाद माहौल बिगड़ने से बच गया। दोपहर में आउटसोर्स पर तैनात सुपरवाइजर व कर्मचारियों की भीड़ इक्ट्ठा हो गई, लेकिन किसी तरह मामले को शांत कराया गया।
क्या है मामला
एमजीएम अस्पताल असंगठित मजदूर संघ से सचिव भागवान दुबे ने बताया कि अस्पताल में कार्यरत आउटसोर्स एजेंसी श्रीराम इंटरप्राइजेज एवं एडवांस बिजनेस कारपोरेट द्वारा किसी भी कर्मचारी की हाजिरी नहीं बनाई जा रही थी। संघ के भागवान दुबे द्वारा अस्पताल में मरीजों को समस्या न हो इसे ध्यान में रखते हुए अपने स्तर से कर्मचारियों की हाजिरी दर्ज की जा रही थी। इसी दौरान एजेंसी के सुपरवाइजर भरत कुमार सिंह, सचिन कुमार सिंह व प्रदीप कुमार सिन्हा ने उनके साथ मारपीट की और अगले पांच दिनों के अंदर गायब करने की धमकी भी दी।
किसी को कुछ हुआ तो एजेंसी की जवाबदेही
इस संबंध में भागवान दुबे ने कहा कि यदि मुझे या किसी भी कर्मचारी को कुछ हुआ तो इसकी सारी जवाबदेही एजेंसियों के मालिक व तीनों सुपरवाइजर की होगी। उन्होंने इसकी लिखित शिकायत एमजीएम अधीक्षक से की है और इसकी प्रतिलिपी स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव, जिले के उपायुक्त, वरीय पुलिस अधीक्षक व धालभूम अनुमंडल पदाधिकारी से की है। वहीं सुपरवाइजरों का कहना है कि भागवान दुबे ने उनसे अभद्र व्यवहार किया और जबरदस्ती हाजिरी रजिस्टर छीन लिया।
31 दिसंबर को कांट्रैक्ट हो चुका खत्म
आउटसोर्स एजेंसी का अनुबंध 31 दिसंबर को खत्म हो गया है। इसके बाद वे कर्मचारियों का हाजिरी नहीं बना रही थी। इसे देखते हुए अस्पताल प्रबंधन ने एजेंसी पर दबाव बढ़ाया और कर्मचारियों का हाजिरी बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अस्पताल में तैनात कर्मचारियों की वेतन के लिए आगे रास्ता जरूर निकाल लिया जाएगा।
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