जमशेदपुर : सोनारी निवासी संजय सिंह (53) तीन दिन पूर्व पूरी तरह से तंदुरुस्त थे, लेकिन 16 दिसंबर की रात करीब तीन बजे उनके सीने में अचानक से तेज दर्द उठा। आनन-फानन में उन्हें अस्पताल ले जाया गया। तब उनकी जान बच सकी। चिकित्सकों ने बताया कि उन्हें हार्ट अटैक आया था। इसी तरह, परसुडीह निवासी युनूस खान (48) बीते बुधवार को बिहार से अच्छे-भले लौटे थे। अचानक सुबह सीने में दर्द उठा। परिजनों ने सदर अस्पताल में भर्ती कराया। स्थिति गंभीर देख उन्हें हायर सेंटर रेफर कर दिया गया। संजय और युनूस की तरह इन दिनों अस्पताल हार्ट अटैक के ऐसे ही मरीजों से अटे पड़े हैं।
अचानक बढ़ी ठंड
सवाल उठता है अचानक इनकी संख्या बढ़ कैसे गई? जवाब है ठंड। दरअसल, सर्दी बढ़ते ही इस तरह के मामले तेजी से बढ़े हैं। गुरुवार को दैनिक जागरण की टीम ने जब शहर के विभिन्न अस्पतालों की पड़ताल की तो पाया कि बीते एक सप्ताह में करीब 110 मरीजों को हार्ट अटैक आया। टाटा मुख्य अस्पताल (टीएमएच) में रोजाना छह से सात मरीज, ब्रह्मानंद अस्पताल में तीन से चार मरीज, मेडिट्रिना में दो से तीन मरीज, मेडिका में एक से दो मरीज रोज पहुंच रहे हैं। यानी सप्ताह में करीब सौ से अधिक मरीज हार्ट अटैक आने के बाद पहुंच रहे हैं। शहर के दूसरे अस्पतालों में भी हार्ट अटैक के मरीज पहुंच रहें हैं। आमतौर पर हफ्ते में हार्ट अटैक के 60 से 70 मरीज आते हैं। मरीजों की संख्या बढ़ने से टीएमएच, ब्रह्मानंद सहित अन्य अस्पतालों में बेड फुल हो गए हैं।
40 फीसद मरीज अस्पताल नहीं पहुंच पाते
आम दिनों के मुकाबले सर्दी में हार्ट अटैक आने की आशंका 30 से 35 फीसद बढ़ जाती है। हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ। अभय कृष्णा बताते हैं कि हार्ट अटैक आने के बाद करीब 40 फीसद मरीज अस्पताल पहुंच भी नहीं पाते हैं और उनकी मौत हो जाती है। अस्पताल पहुंचने के बाद करीब 80 फीसद मरीजों की जान बचा ली जाती है।
सर्दी में इसलिए अधिक बढ़ जाता खतरा
40 की उम्र के बाद हार्ट अटैक का खतरा अधिक होता है। सर्दी के मौसम में ठंड हमारे शरीर के सिम्पटथेटिक नर्वस सिस्टम (अनुकंपी तंत्रिकातंत्र) को उत्तेजित कर देती है, इससे हार्ट में ब्लड फ्लो बढ़ जाता है, धड़कन भी बढ़ जाती है, जिससे हार्ट पर ज्यादा काम का दबाव पड़ता है। अत्यधिक ठंड के कारण हृदय के अलावा मस्तिष्क और शरीर के अन्य अंगों की धमनियां सिकुड़ती हैं। इससे रक्त प्रवाह में रुकावट आती है और रक्त के थक्के (ब्लड क्लॉट) बनने की आशंका बढ़ती है। सर्दियों में वायु प्रदूषण भी न केवल फेफड़ों में ऑक्सीजन की मात्रा प्रभावित करता है बल्कि हार्ट की पंपिंग क्षमता को भी कम कर हार्ट फेलियर का कारण बन सकता है।
यह सावधानी बरतें
- सुबह धूप निकलने के पहले न निकलें। गुनगुना पानी पीएं।
- ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल व मधुमेह के मरीज नियमित दवा खाएं।
- एक बार अगर किसी मरीज को हार्ट अटैक हो चुका है तो उसे विशेष सावधानी बरतने की जरूरत होती है।
- शरीर के किसी अंग में कमजोरी, सुन्नापन आए या फिर सीने में दर्द हो तो तत्काल डॉक्टर से दिखाएं।
- ठंड से बचने के लिए शरीर को पूरी तरह से ढंक कर रखें, खासतौर पर सिर को।
ठंड बढ़ने से हार्ट अटैक के मरीज बढ़ गए हैं। ऐसे में लोगों को अलर्ट होने की जरूरत है। सीने में दर्द होना या फिर किसी तरह के हार्ट अटैक के लक्षण सामने आएं तो उसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
- डॉ। अभय कृष्ण, हृदय रोग विशेषज्ञ।
हृदय रोगियों को सादा, संतुलित और पौष्टिक आहार लेना चाहिए। सिगरेट पीने से दिल की धड़कन तेज हो जाती है और ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है, जो हार्ट अटैक का एक कारण है।
- डॉ। संतोष गुप्ता, हृदय रोग विशेषज्ञ सह संयुक्त सचिव, आइएमए।