छ्वन्रूस्॥श्वष्ठक्कक्त्र : महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज अस्पताल में शुक्रवार को एक नवजात की मौत होने के बाद उसके परिजनों ने जमकर हंगामा किया। मौके पर होमगार्ड के जवानों ने पहुंचकर मामले को शांत कराया.घटना की जानकारी अधीक्षक डॉ। एसएन झा और उपाधीक्षक डॉ। नकुल प्रसाद चौधरी मौके पर पहुंचे और कार्रवाई करने का आश्वासन दिया।
क्या है मामला
बागबेड़ा निवासी ¨रटू चौधरी ने बताया कि प्रसव पीड़ा होने पर उन्होंने अपनी पत्नी गुडि़या देवी को सबसे पहले जुगसलाई स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया, लेकिन वहां पर स्थिति गंभीर बताते हुए उसे एमजीएम रेफर कर दिया गया। यहां आने पर उसे ओपीडी से वार्ड तक दौड़ाया गया। यहां तक कहा गया कि पहले पर्ची बनाकर लाइए इसके बाद गर्भवती को भर्ती किया जाएगा। इस दौरान जब प्रसव हुआ तो बच्चा मरा पैदा हुआ। इसकी सूचना जब परिजनों को मिली तो वह भड़क गए और डॉक्टर व नर्सो पर लापरवाही का आरोप लगाकर हंगामा करने लगे।
कार्रवाई करने का आश्वासन
डॉ। नकुल प्रसाद चौधरी ने बताया कि परिजनों के आरोप के आधार पर प्रारंभिक जांच किया गया। इसमें पाया गया कि महिला के पेट में बच्चा छह-सात घंटे पूर्व ही मर चुका था। ड्यूटी पर तैनात चिकित्सकों द्वारा इसकी जानकारी परिजनों को दे दी गई थी। इसके बावजूद भी उनके द्वारा अस्पताल में हंगामा किया गया जो बिल्कुल गलत है।
आरोपों को बताया निराधार
डॉक्टरों ने कहा कि परिजनों द्वारा यह भी आरोप लगाया गया है कि पर्ची बनाने के लिए गर्भवती को काउंटर पर भेजा गया। यह आरोप भी गलत है। गर्भवती को भर्ती लेकर परिजनों को पर्ची बनाने को कहा गया है।