Jamshedpur: अगर चांडिल डैम की ऊँचाई बढ़ाई गई तो तो दर्जनों गांव पानी में समा जाएंगे और फिर हजारों लोग विस्थापन को मजबूर होंगे। चांडिल के गांवों में डैम में भंडारण क्षमता बढ़ाने का विरोध हो रहा है। लोगों का कहना है कि अभी डैम की जो भंडारण क्षमता है वो पर्याप्त है।
स्थानीय स्तर पर विरोध
चांडिल डैम की ऊंचाई 192 मीटर है। अभी इसमें 181 मीटर की ऊंचाई तक ही पानी रखा जाता है। स्वर्णरेखा परियोजना के एडमिनिस्ट्रेटर बृजमोहन कुमार का कहना है कि नहर में पानी देने और बिजली उत्पादन के लिए यहां बने हाइडल प्रोजेक्ट को पानी देने के लिए भंडारण क्षमता बढ़ाने की जरूरत है। लेकिन, स्थानीय स्तर पर इसका विरोध हो रहा है। पहले ही चांडिल डैम के निर्माण के बाद 116 गांव डूब चुके हैं। इन गांवों के लोगों को अब तक पुनर्वासित नहीं किया जा सका है। अब अगर जल भंडारण क्षमता आठ मीटर बढ़ा कर 189 मीटर की जाएगी तो विशेषज्ञों के अनुसार कम से कम 60 गांव डूब जाएंगे।
पर्यटन के विकास को मिली जमीन
स्वर्णरेखा परियोजना के एडमिनिस्ट्रेटर बृजमोहन कुमार ने बताया कि चांडिल में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए 10 एकड़ जमीन पर्यटन विभाग को दे दी गई है। इस जमीन का हस्तांतरण एक दो दिन में पर्यटन विभाग को कर दिया जाएगा।
चांडिल डैम की जल भंडारण ऊंचाई 181 मीटर से बढ़ा कर 189 मीटर करना है। इसका विरोध हो रहा है। लेकिन, मुख्यमंत्री का इस संबंध में साफ आदेश है। इसलिए डैम की ऊंचाई बढ़ाई जाएगी।
-बृजमोहन कुमार, एडमिनिस्ट्रेटर, स्वर्णरेखा परियोजना