JAMSHEDPUR: पहले सपने देखो साथ ही लक्ष्य निर्धारित करो, मेहनत करो, धीरज धरो और दृढ़ निश्चिय करो तभी आप सफल हो पाओगे। ये बातें बिष्टुपुर स्थित माइकल जॉन ऑडिटोरियम में समग्र शिक्षा अभियान के तहत आयोजित करियर गाइडेंस कार्यशाला को संबोधित करते हुए उपायुक्त अमित कुमार ने कही। यह कार्यशाला पूर्वी सिंहभूम जिला की कस्तूरबा की छात्राओं के लिए था, जिन्होंने 12वीं की परीक्षा उत्तीर्ण की। उपायुक्त ने इस मौके पर छात्राओं से कहा कि वे जब कस्तूरबा में निरीक्षण करने जाते थे तो छात्राएं पूछती थीं कि वे 12वीं के बाद क्या करेंगी, इसके बाद ही इस तरह की कार्यशाला का आयोजन किया। पिछले साल आयोजित कार्यशाला से जागरूक होकर 480 छात्राओं में से 435 छात्राओं ने कॉलेजों व कौशल विकास केंद्रों में नामांकन किया।
एनसीईआरटी बुक्स पढ़ें
उन्होंने प्रतियोगी परीक्षाओं में छात्राओं को सफलता का मंत्र बताते हुए कहा कि कक्षा छह से 12वीं तक के एनसीईआरटी के बुक्स अवश्य पढ़ें। उपायुक्त ने कहा कि किसी भी चीज को दिमाग में बैठाना हो तो वे एक बार पढ़े, दो बार लिखें और तीन बार सोचें। इससे आप उस विषय को कभी नहीं भूल पाएंगे। इससे पूर्व कस्तूरबा की छात्राओं के लिए आयोजित इस करियर गाइडेंस कार्यशाला का उद्घाटन उपायुक्त अमित कुमार, एसएसपी अनूप बिरथरे, रोजगार कार्यालय के उप निदेशक शशि भूषण झा, महिला पॉलीटेक्निक आदित्यपुर की प्रिंसपिल रेखा, जिला शिक्षा अधीक्षक बृजमोहन कुमार, मोटिवेटर चंद्रश्वेर खां व अन्य अतिथियों ने शनिवार को माइकल जॉन में किया।
कॅरियर की दी जानकारी
इस मौके पर सभी वक्ताओं ने छात्राओं का उत्साहवर्धन करते हुए उन्हें कॅरियर के विभिन्न आयामों व मार्गों की जानकारी दी। कार्यशाला का संचालन एपीओ अखिलेश कुमार कर रहे थे। मौके पर एडीपीओ पंकज कुमार, सहायक अभियंता शकील गणि, एपीओ प्रमोद कुमार, जिला की कस्तूरबा प्रभारी बिंदु झा, एमआइएस के राजेश कुमार सहित कस्तूरबा के वार्डेन, एकाउंटेंट उपस्थित थे।
50 से अधिक ऑप्शन
एसएसपी अनूप बिरथरे ने कहा कि किसी भी परीक्षा को बेहतर करने के लिए उस परीक्षा के पैटर्न आठ सालों का प्रश्न पत्र पढ़ लें। पैटर्न सेट करने वाली सेटर एजेंसी घुमा फिरा के वहीं सवालों को पूछती है। प्रतियोगिता परीक्षा में 70 प्रतिशत सवाल ऐसे ही होते हैं। इन आठ सालों के प्रश्नों को हल कर लेने आपको प्रतियोगिता परीक्षा में सफलता प्राप्त करने में आसानी होगी। उन्होंने कहा कि पहले कॅरियर चुनने के तीन-चार ऑप्शन थे। अब तो 50 से अधिक ऑप्शन हैं। उन्होंने छात्राओं से जिस किसी भी फील्ड में जाएं पूरी ईमानदारी से कार्य करें, इसी से आपकी पहचान होने वाली है। कंपनी या सरकारी नौकरी में बॉस या पदाधिकारियों की नजर मेहनत करने वाले कर्मचारियों पर हमेशा रहती है। उन्होंने कहा कि इस बार झारखंड पुलिस में 20 हजार बहालियां हुई है। इसमें 33 प्रतिशत आरक्षण महिलाओं के लिए है, यह अच्छा मौका भी है। पुलिस बहाली में पहले रिटन टेस्ट होगा। इसमें उत्तीर्ण छात्राओं को ही शारीरिक दक्षता टेस्ट में बुलाया जाता है।
छात्राओं ने लिया संकल्प
टेक्निकल सेशन में जब एपीओ अखिलेश कुमार ने 12वीं की छात्राओं से जब यह पूछा कि कौन-कौन अभी शादी करना चाहती है, तो किसी ने हाथ नहीं उठाया। लेकिन जब यह पूछा गया कि लक्ष्य यानी अपनी पढ़ाई पूरी करने तथा नौकरी प्राप्त करने के बाद शादी करेंगे या नहीं तो सभी छात्राओं ने उठाया। दरअसल, शिक्षा विभाग इस माध्यम से यह जानना चाहता था कि छात्राओं के मन में शादी को लेकर क्या चल रहा है। अक्सर बातें सामने आ रही थी कस्तूरबा से पास आउट होने वाली छात्राओं की शादी हो जा रही है। इसके बाद इनकी पढ़ाई छूट जाती है।