छ्वन्रूस्॥श्वष्ठक्कक्त्र: कोरोना संक्त्रमण की रोकथाम को लेकर पिछले साल हुए संपूर्ण लॉकडाउन और इस साल आंशिक लॉकडाउन के कारण लंबी दूरी की बसों का परिचालन ठप है। इससे बस मालिकों को काफी नुकसान हो रहा है तो बसों से जुड़े लोगों की भी आर्थिक स्थिति खराब हो गई है। स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह की शुरुआत 16 अप्रैल से हुई है और तब से बसों का परिचालन ठप है। इससे पहले कुछ महीनों के लिए बसें चलीं थी, लेकिन क्षमता से कम यात्रियों के साथ। इस कारण उन्हें नुकसान तो हो ही रहा था, और पूरी तरह पहियों के थम जाने के कारण स्थिति और खराब हो गई है।
भुइयांडीह बस टर्मिनल से झारखंड के विभिन्न क्षेत्रों के साथ ही, बिहार, उड़ीसा और बंगाल के लिए करीब 500 बसें चलती हैं। पिछले साल मार्च माह से बसों का परिचालन सही तरीके से नहीं हो रहा है, हालांकि अभी कुछ महीनों तक क्षमता से कम यात्रियों के साथ बसों के परिचालन की इजाजत मिली थी, लेकिन अब वह भी पूरी तरह से बंद हो गया है।
एक बस से चलती है 12 की जीविका
बसों का परिचालन ठप होने से बस संचालकों को करीब 3 करोड़ रुपए के नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। इसका असर केवल बस संचालकों पर ही नहीं, इससे जुड़े कर्मचारियों पर भी पड़ा है। उनकी आर्थिक स्थिति पूरी तरह से बिगड़ गई है। बताते हैं कि एक बस से प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से 10 से 12 लोग जुड़े होते हैं और सभी का काम बंद है।
बैंक लोन है सिर पर सवार
बस मालिकों का कहना है कि पिछले साल की बिगड़ी स्थिति को सुधारने के लिए सभी ने बैंक से लोन लिया था, उसे चुकाना है और अब एक बार फिर से वही स्थिति उत्पन्न हो गई है। ऐसे में कैसे क्या करें, उन्हें समझ में नहीं आ रहा है। जमशेदपुर बस ऑनर्स वेलफेयर एसोसिएशन के महामंत्री नीरज सिंह कहते हैं। सरकार द्वारा टैक्स में छूट भी नहीं दी गई है, जिससे स्थिति और भी खराब हो गई है।
रोज 50 हजार लोग करते हैं सफर
एक अनुमान के मुताबिक भुइयांडीह बस स्टैंड से प्रतिदिन 50 हजार लोग सफर करते हैं। कोविड काल में यह आंकड़ा 10 हजार पर पहुंच गया था, लेकिन अब वह भी ठप हो गया है। ऐसे में नुकसान का आकलन करना मुश्किल है।
चूहों ने पहुंचाया था नुकसान
बस मालिकों का कहना है कि लंबे समय तक बसों के खड़ी रहने के कारण ब्रेकडाउन होने का भी खतरा बना रहता है। पिछले साल करीब एक साल तक बसे खड़ी रहीं थी। सीट और तार को चूहों ने काट दिया था। परिचालन से पहले लाखों रुपए लगाकर उसे दुरुस्त किया गया, जो एक अलग नुकसान साबित हुआ।
बसों का परिचालन बंद होने से काफी नुकसान हो रहा है। सरकार हमारी परेशानी की ओर भी ध्यान दे। लंबे समय तक बसों के खड़ी रहने के कारण पिछली बार की तरह चूहों ने सीट और तार कुतरने के साथ ही टायर के खराब होने का भी खतरा बन गया है। ऐसे में काफी नुकसान हो जाएगा।
नीरज सिंह, महामंत्री, जमशेदपुर बस ऑनर्स वेलफेयर एसोसिएशन