जमशेदपुर (ब्यूरो): हॉस्पिटल ने 2009 में कार्डियक सर्जिकल कार्यक्रम शुरू किया और 31 जुलाई 2009 को सीनियर कंसल्टेंट कार्डियक सर्जन डॉ। परवेज आलम ने अपनी टीम के साथ पहली ओपन हार्ट सर्जरी की। 12 वर्षो में डॉ आलम एवं उनकी टीम ने 97.9 प्रतिशत सफलता दर के साथ पिछले महीने 3000 कार्डियक ऑपरेशन पूरे किये। जिसमें 1276 बाईपास सर्जरी, 857 वाल्व सर्जरी, 766 जन्मजात हृदय शल्य प्रक्रिया (बच्चों में जन्म से पाया जाने वाला हृदय रोग) 57 वैसकुलर सर्जरी, 44 थोरेसिक सर्जरी और अन्य हार्ट सर्जरी शामिल है।

मील का पत्थर

डॉ परवेज आलम ने बताया कि सबसे कम उम्र का रोगी, जिसकी ओपन हार्ट सर्जरी हुई, वह केवल 2 दिन का था। एक और 7 दिन के बच्चे का जिसका वजन 1.94 किलोग्राम था, जिसका हृदय छाती के बाहर फैला हुआ था, जिसे एक्टोपिया कार्ड्स कहा जाता है, की सुधारात्मक सर्जरी हुई। उन्होंने कहा कि यह पूर्वी भारत में की गई पहली सफल सर्जरी थी। यह जमशेदपुर और झारखंड के चिकित्सा इतिहास में एक मील का पत्थर सर्जरी थी जिसे वैश्विक स्तर पर मान्यता मिली थी, क्योंकि उस समय दुनिया भर में केवल 26 ऐसे ऑपरेशन सफलतापूर्वक किए गए हैं। सबसे बड़ी रोगी 90 वर्षीय महिला थी, जिसकी बाईपास सर्जरी हुई थी।

मिल रहा है लाभ

बीएनएमएच के फैसिलिटी डायरेक्टर तपनी घोष ने कहा कि बीपीएल, आयुष्मान भारत योजना, आरबीएसके और ईएसआई योजना के तहत हृदय रोगियों की सर्जरी की जाती है। आयुष्मान भारत योजना से लगभग 316 रोगियों का ऑपरेशन किया गया और लगभग 736 रोगियों का ऑपरेशन झारखंड सरकार की बीपीएल योजना जो कि आयुष्मान भारत से पहले की योजना थी जिसके तहत झारखंड सरकार द्वारा प्रदत फंड से ऑपरेशन किया गया। 409 रोगियों का ईएसआई योजना से ऑपरेशन किया गया। उड़ीसा सरकार आरबीएसके योजना द्वारा 205 रोगियों का ऑपरेशन किया गया।