छ्वन्रूस्॥श्वष्ठक्कक्त्र: टाटा मोटर्स के जमशेदपुर प्लांट में एक बार फि र ब्लॉक-क्लोजर किया गया है। गुरुवार को कंपनी के प्लांट हेड की ओर से जारी सर्कुलर के मुताबिक 20 जुलाई से 24 जुलाई तक कंपनी बंद रहेगी। 21 जुलाई को रविवार की साप्ताहिक सामान्य छुट्टी रहेगी। चालू वित्तीय वर्ष के क्लोजर में पहली बार कंपनी के सभी डिवीजन बंद रहेंगे। इस दौरान कंपनी में मेंटेनेंस कार्य किया जाएगा।
इस क्लोजर के दौरान कर्मचारियों का पर्सनल लीव व कैजुअल लीव का 50 फीसद हिस्सा कंपनी की ओर से काटा जाएगा जबकि 50 फीसद वेतन का हिस्सा कंपनी की ओर से दिया जाएगा। अगर ब्लॉक क्लोजर के दौरान किसी को बुलाया जाएगा तो उसका वेतन तो मिलेगा ही बल्कि जिनको बुलाया जाएगा उनके विभाग में अलग से आदेश भी निकाला जाएगा। इस दौरान किसी को कंपनी में छुट्टी नहीं दी जाएगी। कंपनी की उत्पादन में आई गिरावट को देखते हुए क्लोजर की घोषणा हुई है। बाजार में फिलहाल गाडि़यों की मांग कम है, कम गाड़ी बनने की वजह से यह निर्णय हुआ है।
टाटा कमिंस में भी होगा क्लोजर
टाटा मोटर्स के बाद अब टाटा कमिंस में भी ब्लॉक-क्लोजर होने की संभावना बढ़ गई है। संभवत: इस मसले पर एक-दिन के अंदर निर्णय लिया ला सकता है। जुलाई माह में कंपनी का उत्पादन लक्ष्य घटकर 4000 हो गया है। जो पहले एक माह में दस से ग्यारह हजार तक इंजन बनाए जाते थे। यहां रात्रि पाली में काम बंद है। कमिंस के इंजन का प्रमुख ग्राहक टाटा मोटर्स है जो अब पांच दिन बंद रहेगा ऐसे में यहां भी क्लोजर होना तय है। उधर, टाटा मोटर्स वाहनों के लिए पहिया बनाने वाली स्टील स्ट्रिप्स व्हील्स कंपनी में भी दो-तीन दिन की बंदी संभव है। वहां भी उत्पादन कम हो गया है तथा रात्रि पाली में काम बंद है।
इसलिए छायी मंदी
जानकार बताते हैं कि भारत सरकार के द्वारा बीएस सिक्स वाहन बनाने के अंतिम समय सीमा दिए जाने के कारण ऑटोमोबाइल सेक्टर में मंदी छायी है। यह मंदी करीब छह महीना तक लंबा खींच सकती है। बार-बार ब्लॉक-क्लोजर होने से कंपनी के कर्मचारियों के साथ ही आदित्यपुर की छोटी और मझोली कंपनियों के कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति खराब हो गई है। आदित्यपुर की कई कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को काम से बैठा दिया है। हालांकि बरसात के दिनों में प्रतिवर्ष वाहनों की मांग कम हो जाती है तथा कंपनी में उत्पादन कम हो जाता है।