जमशेदपुर : कोरोना के बाद शहर में अब ब्लैक फंगस भी तेजी से पांव पसार रहा है। मंगलवार को महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज अस्पताल में ब्लैक फंगस के पहला मरीज मिला। मरीज रांची का रहने वाला है। एक माह पूर्व उसे कोरोना हुआ था। तब रांची के किसी अस्पताल में उसे बेड नहीं मिल सका। मरीज की स्थिति लगातार बिगड़त रही थी। इसे देखते हुए उसे जमशेदपुर के एमजीएम अस्पताल में भर्ती कराया गया। कुछ दिनों के बाद मरीज की कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आ गई लेकिन उसे सांस लेने में परेशानी लगातार हो रही थी। इसे देखते हुए ऑक्सीजन पर रखा गया था। इसी बीच मरीज का आंख लाल होने लगा। इसे देखते हुए चिकित्सकों ने ब्लैक फंगस की जांच कराई तो रिपोर्ट में पुष्टि हुई है। हालांकि, शुरुआती दौर में ही बीमारी की पहचान हो गई है। चिकित्सकों की टीम ने इलाज शुरू कर दी है। एमजीएम में ब्लैक फंगस के मरीजों के लिए अलग वार्ड बनाया गया है। मरीज को इलाज करने वाले टीम में डॉ। बलराम झा, डॉ। शक्ति, डॉ। राजीव, डॉ। रोहित झा, डॉ। नितेश, डॉ। रवींद्र वर्णवाल, डॉ। एन झा व डॉ। हिमांशु शेखर शामिल हैं।

अधिकारी रहे एक्टिव

ब्लैक फंगस के मरीज सामने आने के बाद एमजीएम अधीक्षक डॉ। संजय कुमार ने डीसी सूरज कुमार को इसकी जानकारी दी और इलाज में उपयोग होने वाले इंजेक्शन एम्फोटेरिसिन-बी नहीं होने की जानकारी दी। इसे देखते हुए डीसी ने सिविल सर्जन डॉ। एके लाल को इंजेक्शन उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। सिविल सर्जन ने बिना देर किए हुए तत्काल इंजेक्शन उपलब्ध करा दिया। इसके बाद मरीज का समय पर इलाज शुरू हो गया है। मरीज को किसी तरह की परेशानी नहीं हो इसका निगरानी खुद उपाधीक्षक डॉ। नकुल प्रसाद चौधरी कर रहे हैं।

आंख लाल होने पर नहीं करें नजरअंदाज

एमजीएम के उपाधीक्षक डॉ। नकुल प्रसाद चौधरी ने कहा कि कोरोना से ठीक होने के बाद भी मरीजों को अलर्ट होने की जरूरत है। अगर किसी का आंख लाल होता है तो उसे नजर अंदाज नहीं करें बल्कि चिकित्सक से दिखाएं। खासकर मधुमेह के रोगी। यह मरीज भी मधुमेह से ग्रस्त है। इसके आंख में भी लालीपन आ रहा था।

टीएमएच में सात मरीजों की हो चुकी है पुष्टि

शहर में अबतक कुल आठ ब्लैक फंगस के मरीज मिल चुके हैं। इसमें सात टीएमएच व एक एमजीएम के शामिल हैं। टीएमएच में मिले सात मरीजों में तीन की मौत हो चुकी है। वहीं, चार का इलाज चल रहा है।