छ्वन्रूस्॥श्वष्ठक्कक्त्र: बुधवार को भुवनेश्वर से नई दिल्ली के लिए रवाना हुई विशेष ट्रेन शाम को टाटानगर पहुंची। ट्रेन के रुकते ही पहले टाटानगर के यात्री उतरे। उसके बाद यहां से नई दिल्ली की ओर यात्रा करनेवाले यात्री सवार हुए। सवार होने से पहले ही यात्रियों की गहन चेकिंग की जा चुकी थी। उनकी थर्मल स्क्त्रीनिंग की गई थी और हाथों को सैनिटाइज कराया गया था।
बिना मास्क के नो इंट्री
बिना मास्क के किसी भी यात्री को स्टेशन के अंदर प्रवेश की अनुमति नहीं थी। बच्चों से बड़े तक ने मास्क लगा रखा था। दूसरी ओर ट्रेन से टाटानगर उतरनेवाले यात्रियों को भी शारीरिक दूरी के नियम का अनुपालन कराते हुए लाइन में खड़ा किया गया। उनकी चिकित्सकीय जांच की गई। अन्य जरूरी प्रक्त्रिया पूरी करने के बाद ही बाहर निकलने दिया गया।
यात्रियों को समझाया
ट्रेन में सवार होने के लिए टाटानगर स्टेशन पर इंतजार कर रहे यात्रियों को टीटीई व अन्य कर्मचारियों की ओर से यात्रा के दौरान सावधानी और सतर्कता को लेकर जागरूक किया गया। उन्हें बताया गया कि वे क्या करें और क्या नहीं करें। साथ ही यात्रा के दौरान स्वच्छता पर पूरा ध्यान रखने को कहा गया। पूरी यात्रा के दौरान शारीरिक दूरी का ध्यान रखने की नसीहत भी दी गई।
साढ़े दस बजे चली थी ट्रेन
लॉकडाउन में फंसे यात्रियों को उनके गंतव्य तक पहुंचने का लिए रेलवे ने दिल्ली से भुवनेश्वर व भुवनेश्वर से दिल्ली के बीच स्पेशल ट्रेन का परिचालन बुधवार से ही शुरु किया है। बुधवार से शुरू इस ट्रेन का परिचालन 17 मई तक प्रतिदिन होगा।
थोड़ी देर से पहुंची ट्रेन
भुवनेश्वर से दिल्ली जाने वाली स्पेशल ट्रेन बुधवार की शाम सवा चार बजे टाटानगर स्टेशन पहुंचने का समय है। हालांकि, पहले दिन यह ट्रेन कुछ विलंब से टाटानगर पहुंची। इस ट्रेन में सवार होने वाले यात्रियों को टाटानगर स्टेशन 90 मिनट पहले स्टेशन आना होगा। ट्रेन के आने से पहले पूरी तैयारी टाटानगर स्टेशन में शुरु कर दी थी। टाटानगर स्टेशन के मुख्य से यात्रियों ने दूरी बनाकर प्रवेश किया। प्रवेश करने से पहले उनकी थर्मल स्कैनिंग रेलवे के डाक्टरों द्वारा की गई। वहीं बाहर निकलने वाले यात्रियों का भी थर्मल स्कैनिंग की गई। ट्रेन से उतरने व चढ़नेवाले यात्रियों को अलग-अलग बेरिकेडिंग से गुजरने की व्यवस्था की गई थी।
लगाए गए वाश बेसिन
टाटानगर स्टेशन के बाहर वाश बेसिन लगाया गया है। इसमें हैंडवाश करने के बाद ही यात्री स्टेशन में प्रवेश कर पाए। खास बात यह थी कि हैंडवास का इस्तेमाल करने के लिए उसे हाथ से छूने की जरूरत नहीं थी। नीचे लगे उपकरण को पैर से दबाने पर हैंडवाश का लिक्विड निकला जिसे हथेली पर लेकर यात्रियों ने अपने हाथ धोए। ई-टिकट की फोटो कापी लेकर कार चालकों को यात्रियों को स्टेशन पहुंचाने की अनुमति दी गई थी।
पास की सभी सीटें फुल
टाटानगर स्टेशन में विकलांग, एमएलए व एमपी कोटा, रेलवे कर्मचारियों को मिलने वाले पास के लिए बुकिंग काउंटर की एक खिड़की खोली गई थी। प्रतिदिन 17 बर्थ के हिसाब से सभी पास की सीटें फुल हो गईं।