जमशेदपुर (ब्यूरो): बिष्टुपुर सत्यनारायण मारवाड़ी मंदिर में चल रहे भागवत कथा ज्ञान यज्ञ में सोमवार को भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया। कथा वाचक हिमांशु महाराज ने व्यासपीठ से श्री राम और श्री कृष्ण जन्मोत्सव कथा के प्रसंग का व्याख्यान करते हुए कहा कि भगवान कृष्ण का जन्म जेल में हुआ था, फिर भी वे माया से प्रेरित होकर गोकुल पहुंच गए। उन्होंने भगवान कृष्ण की लीलाओं का वर्णन करते हुए कहा कि भगवान मनुष्य योनी में जन्म लेकर दुःख में भी सुखी जीवन जीने की सीख देते है। भगवान अंतर्यामी असीम शक्ति के पूंज है। उन्होंने अधर्म का नाश और धर्म की पुनः स्थापना के लिए श्रीकृष्ण और श्रीराम सहित दशावतार धारण किए। उन्होंने गृहस्थ में रह कर सदाचार, परोपकार और सत्य के आधार पर जीवन जीने तथा सत्संग के जरिए सर्वव्यापी ईश्वर का नाम स्मरण करने की सलाह दी। कहा कि मनुष्य के पास थोडा सा धन आने के बाद वह अभिमानी बन जाता है, जो नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि भगवत स्मरण धर्म, अर्थ, काम मोक्ष प्राप्ति का सरलतम मार्ग है। भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को समझाया था कि कर्म थोड़ा दुखदायी होता है, लेकिन बिना कर्म किये सुख की प्राप्ति भी नहीं हो सकती। अगर कर्म का उद्देश्य पवित्र व शुभ हो तो वही कर्म सत्कर्म बन जाता
बाल गोपाल के गीत पर झूमे श्रद्धालु
महाराज जी के कृष्ण जन्मोत्सव पर नंद के घर आनंद भयो जय कन्हैया लाल की एवं गोविंद बोलो हरि गोपाल बोलो गीत पर भक्त जमकर झूमे। भागवत कथा के बाद रात ९ से १२ बजे तक महाराज के साथ मथुरा से आए संगीतकारों ने भगवान के भजन प्रस्तुत किए। श्रीकृष्ण जन्मोत्सव के उपलक्ष्य पर लड्डू गोपाल को विभिन्न प्रकार की मिठाइयों व मेवे का भोग लगाया गया और कार्यक्रम स्थल पर मौजूद श्रृद्धालुओं को माखन मिश्री व मिष्ठान का प्रसाद वितरण किया गया। इसी के साथ कथावाचक ने श्रीकृष्ण की बाल लीलाओ में माखन चुराने व गोपियों के संग रास रचाने एवं बांसुरी की धुन पर सम्मोहित करने का वर्णन किया।
आज होगा गोपर्धन पूजा प्रसंग
पाचवें दिन मंगलवार को कथा वाचक द्वारा गोवर्धन पूजा एवं छप्पन भोग दर्शन का प्रसंग सुनाया जायेगा। इस मौके पर प्रमुख रूप से सुरेश कुमार अगीवाल, संतोष संघी, कुंजविहारी नागेलिया, अशोक नरेड़ी, रमेश अगीवाल, विश्वनाथ नरेड़ी समेत काफी संख्या में भक्त मौजूद थे। चौथे दिन सोमवार को पूजा यजमान के रूप में श्याम सुंदर, अनिल सोंथालिया, विश्वनाथ सोंथालिया, स्नेहा-अभिषेक सोंथालिया, बनवारी लाल सोंथालिया, बिनोद रमेश सोंथालिया, बैजनाथ अग्रवाल उपस्थित थे। साथ ही बाबूलाल सोंथालिया, बजरंग लाल सोंथालिया, कविता-घनश्याम सेडुका, कमल बांकरेवाल, अजय विजय बांकरेवाल बजरंगलाल सोंथालिया, मुरारीलाल सोंथालिया की तरफ से प्रसाद का आयोजन किया गया था।