जमशेदपुर (ब्यूरो): साकची स्थित श्री अग्रसेन भवन में सोमवार को भव्य कलश यात्रा, भागवत पूजन के साथ श्रीमद्भागवत कथा की शुरुआत हुई। भागवत कथा का आयोजन 25 सितंबर तक होगा। सोमवार को पहले दिन मानगो स्वर्णरेखा नदी से कलश यात्रा शुरू हुई, जो पुराना कोर्ट रोड होते हुए अग्रसेन भवन पहुंचकर संपन्न हुई। यात्रा में बड़ी संख्या में श्रद्धालु सिर पर कलश लेकर चल रहे थे। इससे पूर्व कथा स्थल पर हवन और पूजन किया गया। भागवत पूजा यजमान उर्मिला-शंकर लाल अग्रवाल ने किया। पंडित गोपाल चतुर्वेदी और उपेन्द्र नाथ बाबा ने पूजा करायी। अग्रवाल (नोपाका) परिवार गांवाड़ी निवासी द्वारा इसका आयोजन किया गया है।
कथा का व्याख्यान
कलश यात्रा और पूजन के बाद व्यासपीठ से कथावाचक पंडित मनीष शंकर जी महाराज ने भागवत पूजन महात्म्य और नारद व्यास मिलन की कथा का व्याख्यान किया। उन्होंने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा, ऐसी कथा है, जो जीवन के उद्देश्य एवं दिशा को दर्शाती है। इसलिए जहां भी भागवत कथा होती है, इसे सुनने मात्र से वहां का संपूर्ण क्षेत्र दुष्ट प्रवृत्तियों से खत्म होकर सकारात्मक उर्जा से सशक्त हो जाता है। उन्होंने कहा कि कथा की सार्थकता तभी सिद्ध होती है, जब इसे हम अपने जीवन और व्यवहार में धारण करें। श्रीमद्भागवत कथा के श्रावण से जन्म जन्मांतर के विकार नष्ट होकर प्राणी मात्र का लौकिक व आध्यात्मिक विकास होता है। भागवत श्रवण मनुष्य के संपूर्ण क्लेश को दूर कर भक्ति की ओर अग्रसर करती है।
खुद को जानने का मौका
महाराज ने कहा कि भाव गति, विवेक और तत्व का सम्मिश्रण है श्रीमद्भागवत। इसमें डुबकी लगाएं, तो ईश्वर की प्राप्ति होगी। जितना आप इससे अलग रहेंगे परमानंद से दूर होते चले जाएंगे। भागवत से भगवान और स्वयं को जानने का मौका मिलता है। उन्होंने कहा कि जो कोई भागवत कथा श्रमण करेगा वह ठाकुरजी को प्राप्त करने में सफल होगा तथा उसके जन्म-जन्मों के मोह-माया के बंधन दूर होंगे। इस दौरान राधे-राधे के उद्घोष से माहौल भक्ति के रस में डूब गया।
इनकी रही मौजूदगी
पहले दिन दिन सोमवार को प्रमुख रूप से शिवशंकर अग्रवाल, आनन्द अग्रवाल, विश्वनाथ अग्रवाल, कैलाशनाथ अग्रवाल, श्रवण कुमार अग्रवाल, दमोदर प्रसाद अग्रवाल, अमरचंद अग्रवाल समेत काफी संख्या में भक्तगण शामिल थे।