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JAMSHEDPUR: महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज अस्पताल में हाइड्रोसील के ऑपरेशन के बाद मरीज की मौत हो गई। इसे लेकर रविवार को मृतक के परिजन अस्पताल में हंगामा किया। मौके पर होमगार्ड के जवानों ने पहुंचकर मामले को शांत कराया। उनलोगों ने मांग की कि आरोपित डॉक्टर, नर्स पर कार्रवाई की जाए। कदमा शास्त्रीनगर निवासी कमल नेपाली (45 वर्ष) का हाइड्रोसील का आपरेशन नौ अक्टूबर को डॉ। डी हांसदा ने किया था। परिजनों का आरोप है कि इसके बाद मरीज का दर्द लगातार बढ़ते गया। इसकी शिकायत जब डॉक्टर से की गई तो उन्होंने कहा कि ठीक हो जाएगा। पर, ऐसा नहीं हुआ। शनिवार की शाम में दर्द तेज होने लगा। इसकी शिकायत वार्ड में मौजूद एक जूनियर नर्स से की गई तो उन्होंने कहा कि ठीक हो जाएगा। दर्द से तड़प रहे मरीज को देखकर परिजनों से रहा नहीं गया। वे पूरे वार्ड में डॉक्टर को ढूढ़ने लगे पर एक भी डॉक्टर नहीं मिले। इसके बाद वे लोग इमरजेंसी विभाग गए। वहां पर एक जूनियर डॉक्टर मौजूद था। उनसे मरीज की तबीयत खराब होने की जानकारी दी गई तो उन्होंने कहा कि उनसे नहीं हो पाएगा किसी सीनियर डॉक्टर को बोलिए। इस दौरान इमरजेंसी विभाग में एक भी सीनियर डॉक्टर मौजूद नहीं था, जिसके कारण वे लोग वार्ड में लौट आए। इसके कुछ ही देर के बाद रात करीब साढ़े दस बजे मरीज की मौत हो गई। उसके बाद ड्यूटी पर तैनात एक जूनियर नर्स ड्यूटी रूम में ताला बंदकर फरार हो गई। तब से लेकर रविवार की सुबह 11 बजे तक सर्जरी वार्ड के डॉक्टर व नर्स रूम में ताला लटका हुआ था। करीब 25 घंटे तक शव मरीजों के बीच पड़ा रहा और ड्यूटी रूम में बंद रहा। इससे वार्ड में भर्ती मरीजों को न तो दवा मिली और न ही मरहम पट्टी हो सका। मृतक के परिजनों ने आरोपित डॉक्टर व नर्सो के खिलाफ सख्ती के साथ कार्रवाई की मांग की।

तीन दिन से नहीं मिली दवा

मृतक के परिजन को हंगामा के वक्त बल तब मिल गया जब एक मरीज आकर जोर-जोर से चिल्लाने लगा और कहने लगा कि वह बेड नंबर 60 पर भर्ती है। लेकिन तीन दिनों से उसे न तो कोई दवा मिली है और न ही पट्टी बदली गई है। सरायकेला निवासी बी। खंडेलवाल ने बताया कि उसके सिर में चोट आई है। जिस दिन वह भर्ती हुआ था उसी दिन एक इंजेक्शन व पट्टी बांधी गई थी। तब से लेकर अबतक कोई भी देखने नहीं आया है। ऐसी स्थिति में मरीज इलाज के अभाव में दम तोड़ते रहेंगे।

दो डॉक्टरों पर हो चुकी है कार्रवाई

गलत ऑपरेशन करने के मामले में बीते साल एमजीएम अस्पताल के सर्जन डॉ। एमके सिन्हा और डॉ। लक्ष्मण हांसदा को दोषी ठहराते हुए विभाग ने सस्पेंड किया है। मानगो निवासी सुखदेव राम की मौत एमजीएम अस्पताल में हो गई थी। उन्हें हार्निया था लेकिन चिकित्सकों ने हाइड्रोसील का ऑपरेशन कर दिया था। मौत के बाद परिजनों ने चिकित्सकों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा किया था। इसके बाद कार्रवाई हुई थी।

दैनिक जागरण ने किया था आगाह

दैनिक जागरण ने आठ अक्टूबर के अंक में आगाह किया था कि रात के दौरान एमजीएम के वार्ड में एक भी डॉक्टर नहीं मौजूद रहते हैं। ड्यूटी रूम में ताला लटका होता है। ऐसी स्थिति में अगर किसी मरीज की तबीयत गंभीर होती है तो उसकी जान बचाना मुश्किल हो जाएगा।


मरीज के अंडकोष में इंफेक्शन था। इसके लिए उसकी सर्जरी की गई थी। इसकी जानकारी परिजनों को दी गई थी। तीन सप्ताह से मरीज का इलाज चल रहा था। परिजनों द्वारा जो आरोप लगाए जा रहे हैं, उसे देखा जा रहा है।

- डॉ एसएन झा, अधीक्षक, एमजीएम।