छ्वन्रूस्॥श्वष्ठक्कक्त्र: महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज अस्पताल में गुरुवार की सुबह एक मरीज की मौत हो गई। इससे खफा परिजनों नें खूब हंगामा किया। मौके पर पहुंचे होमगार्ड के जवानों ने मामले को शांत कराया।
दरअसल, बिरसानगर स्थित बागुनहातु निवासी उमेश महतो की तबीयत गुरुवार की सुबह बिगड़ गई थी। उसके सिर में तेज दर्द होने लगा। इसे देखते हुए उसे एमजीएम अस्पताल के इमरजेंसी विभाग में लाया गया। यहां एक भी खाली बेड नहीं था। इसके कारण करीब दो घंटे तक मरीज कुर्सी पर ही बैठा रहा।
हिचकी आई और दम तोड़ा
परिजनों का आरोप है कि बैठे रहने के बावजूद मरीज को देखने के लिए एक भी डॉक्टर नहीं आया। जबकि कई बार डॉक्टर के चैंबर में जाकर उन्हें स्थिति गंभीर होने की सूचना दी गई। वहीं नर्स भी देखने के लिए नहीं आई। अंत में मरीज को हिचकी आई और कुछ ही देर के बाद उसकी मौत हो गई। वहीं इमरजेंसी विभाग में तैनात चिकित्सकों को कहना है कि मरीज को देखा गया था। उसकी स्थिति अत्यंत गंभीर थी। उसे सांस लेने में काफी परेशानी हो रही थी। इसे देखते हुए ऑक्सीजन चढ़ाने की सलाह दी गई थी, लेकिन इसी क्रम में उसकी मौत हो गई। मृतक के परिजन टेंपो चलाकर किसी तरह अपना जीवन यापन करते हैं। परिजनों का कहना था कि अगर मरीज को सही समय पर इलाज मिलता को शायद उसकी जान बच जाती। अस्पताल की व्यवस्था से मृतक के परिजन काफी दुखी दिखे। उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में किसी भी मरीज की मौत हो जाएगी। यहां न तो कोई देखने वाला है और न ही कोई सुनने वाला। बाद में परिजन शव को लेकर चले गए।