JAMSHEDPUR: महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज व हॉस्पिटल के सर्जरी वार्ड में भर्ती के एक मरीज की इलाज के दौरान गुरुवार की सुबह मौत हो गई। इसके बाद आक्रोशित परिजनों ने डाक्टरों पर सही से इलाज नहीं करने का आरोप लगाते हुए हॉस्पिटल गेट पर शव रखकर जमकर हंगामा किया। मौके पर पहुंची साकची पुलिस ने किसी तरह परिजनों को हॉस्पिटल के गेट हटाकर शांत कराया, लेकिन अस्पताल प्रशासन द्वारा शव को शीत गृह में नहीं रखने पर परिजनों ने फिर से गेट जाम कर दिया।
कार्रवाई की मांग
आदित्यपुर स्थित आरआईटी थाना के मेरूडीह गांव निवासी विष्णु पासवान को बुधवार को शाम को सर्जरी वार्ड में भर्ती कराया गया। मरीज की जांघ में बलतोड़ था। मरीज की मौत से गुस्साए परिजनों ने डॉक्टर पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया। परिजनों ने अस्पताल अधीक्षक डॉ एसएन झा और डीसी अमित कुमार से शिकायत कर कार्रवाई करने की मांग की है। परिवार के लोगों का कहना है कि मरीज ठीक-ठाक था वह मंगलवार को बाइक से एमजीएम अस्पताल आया था यहां उसे इमरजेंसी में देखने के बाद डॉक्टरों ने सर्जरी वार्ड में बेड नंबर 90 पर भेज दिया। डॉक्टर ए पूर्ति ने रात में उसे एक इंजेक्शन और कुछ दवाएं दीं। इसके बाद मरीज सो गया। मरीज के साथ मौजूद उसके भाई रमेश ने बताया कि रात तकरीबन 3.00 बजे मरीज उठा और दर्द से चिल्लाने लगा। वो बेचैन था बेड नंबर 91 पर भर्ती चक्रधरपुर निवासी मरीज मोहम्मद शकील ने बताया कि उसकी पत्नी ने मरीज के पैर सीधे किए तो वो उतरकर टॉयलेट गया और उसके बाद बेड पर आकर छटपटाने लगा वह तड़प रहा था सूचना नर्स और अन्य स्टाफ को दी गई लेकिन कोई डॉक्टर देखने नहीं आया दर्द से तड़प कर सुबह 6.00 बजे मरीज ने दम तोड़ दिया सूचना मिलने पर मरीज के परिवार के तकरीबन डेढ़ सौ लोग एमजीएम थाना पहुंचे और शव को गेट पर रख कर एमजीएम के डॉक्टरों के खिलाफ नारेबाजी करने लगे साकची थाना के दरोगा ने लोगों को समझा-बुझाकर शव हटवा दिया
पत्नी रो रही कैसे चलेगा घर
मृतक की पत्नी धर्मशिला का रो-रो कर बुरा हाल है। उसका बच्चा दीपू भी पापा के लिए रो रहा है। दीपू गम्हरिया में आदर्श विद्यालय में कक्षा एक का छात्र है। पत्नी धर्मशिला की गोद में बैठी बेटी दीपिका को यह नहीं मालूम कि अब उसके सर से पिता का साया उठ चुका है कक्षा 10 पास विष्णु पासवान आदित्यपुर में कंपनी ओमनी आटो में काम करता था। वो हीट ट्रीटमेंट में आपरेटर था
शीतगृह में लाश नहीं रखने पर आक्रोश
परिवार के लोगों को आश्वासन दिया गया था कि मृतक की लाश एमजीएम के शीतगृह में रख दी जाएगी लेकिन शव को शीतगृह में नहीं रखा गया परिवार के लोगों का आरोप है कि शव को शीतगृह के बाहर फेंक दिया गया था। शीतगृह के इंचार्ज ने कहा कि पहले से ही कई शव अंदर रखे हुए हैं इसलिए इस शव को अंदर नहीं रखा गया