JAMSHEDPUR: सेंट्रल ट्रेड यूनियन की ओर से बुधवार को आहूत राष्ट्रव्यापी हड़ताल की पूर्व संध्या पर जमशेदपुर में बैंक व एलआइसी कर्मचारियों ने जुलूस निकाला। जुलूस में बड़ी संख्या में इन संस्थानों के अधिकारी व कर्मचारी शामिल हुए। जुलूस के बाद आयोजित की गई सभा में आठ जनवरी के हड़ताल को पूरा समर्थन देने की घोषणा की गई। साथ ही बैंक कर्मचारियों ने अपनी मांगों को रखा। पूर्व निर्धारित कार्यक्त्रम के अनुसार बैंक एवं एलआईसी कर्मचारियों और अधिकारियों का हड़ताल पूर्व जुलूस बिष्टुपुर स्थित सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया से चलकर बैंक ऑफ बड़ौदा के समक्ष सभा में तब्दील हो गया।
यहां पर भी सरकार की नीतियों के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया गया। सरकार के मजदूर-किसान विरोधी नीतियों, श्रम कानून में संशोधन और सार्वजनिक क्षेत्र के संस्थाओं में विदेशी पूंजी के निवेश और बिक्त्री की प्रक्त्रिया के खिलाफ आक्त्रोश जताया गया।
सरकार को दी चेतावनी
जुलूस में शामिल बैंक और एलआइसी यूनियन के सदस्यों को झारखण्ड प्रदेश बैंक इंप्लाईज यूनियन के वाइस चेयरमैन आरए सिंह, महासचिव आरबी सहाय, उप महासचिव हीरा अरकने, एसके अदक, जिला समिति के महासचिव सुजीत घोष, उपाध्यक्ष केके सहाय, एके भौमिक, जेडीआईईए के जमशेदपुर मंडल के महासचिव गिरीश ओझा, उपाध्यक्ष विकास महतो ने संबोधित करते हुए सरकार की जन विरोधी नीतियों की कड़ी आलोचना की। केंद्र सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर मांगे नहीं मानी गई तो आंदोलन और तेज होगा एवं हड़तालों का दौर जारी रहेगा। कार्यक्त्रम को सफल बनाने के लिए केएन नायडू, प्रेम लाल साहू, एके भौमिक, अशोक रजक, चैम, अभिनव झा, राजीव झा, राजू भगत, पंकज कुमार, महिमा प्रभाकर, चिता सोरेन, किंजल, राजकुमार मिश्रा ने सक्त्रिय भूमिका निभाई।
बैंक कर्मियों की ये हैं मांगें
-केन्द्रीय श्रमिक संगठनों की मांगो का समर्थन।
-अनावश्यक बैंकिंग सुधारों एवं अवांक्षित विलय व मर्जर का विरोध।
-कारपोरेट घरानों द्वारा चुकता न किए जाने वाले ऋणों के वसूली के लिए कठोर उपाय किए जाएं।
-वेतन पुनरीक्षण एवं संबंधित मुद्दों पर शीघ्र समझौता किया जाए।
-बैंकों में कर्मचारी के सभी वगरें में पर्याप्त भर्ती की जाए।
ऑल इंडिया एलआइसी फेडरेशन की मांगें
-वेतन पुनरीक्षण जल्द किया जाय।
-न्यू पेंशन स्कीम रद्द कर पुराने पेंशन स्कीम को लागू किया जाय।
-बीमा के प्रीमियम को जीएसटी से मुक्त रखा जाय।
-नए जॉब का सृजन किया जाय।
-निजीकरण और विनिवेश की प्रक्त्रिया बंद की जाय।
-ठेका कर्मचारियों को नियमित किया जाय।
-कार्पोरेट घरानों के पक्ष में किए का रहे श्रम कानून में संशोधन रोका जाय।