Generic medicine करें prescribe
एमसीआई ने सभी मेडिकल कॉलेजेज के प्रिंसिपल, हॉस्पिटल्स के डायरेक्टर्स और स्टेट मेडिकल काउंसिल्स को जेनेरिक मेडिसीन प्रिस्क्राइब करने संबंधी डायरेक्शन दिया है। 21 जनवरी को इश्यू किए गए लेटर में इंडियन मेडिकल काउंसिल (प्रोफेशनल कंडक्ट, एटीकेट और इथिक्स) रेग्यूलेशन, 2002 का हवाला देते हुए सभी फिजीशियन को दवाओं के जेनेरिक नाम प्रिस्क्राइब करने के साथ ही यह भी कहा गया है कि डॉक्टर्स का प्रिस्क्रिप्शन रेशनल हो। स्टेट मेडिकल काउंसिल के रजिस्ट्रार डॉ ए के सिंह ने इसे एक अच्छा पहल बताते हुए सही तरीके से लागू करने के लिए हर प्रयास किए जाने की बात कही।
उठे रहे कई सवाल
एमसीआई के इस डिसीजन को लेकर कई सवाल भी उठाए जा रहे हैैं। स्टेट मेडिकल काउंसिल के रजिस्ट्रार ने प्रिस्क्रिप्शन पर सिर्फ दवाओं के जेनेरिक नाम रहने से मेडिकल स्टोर्स द्वारा मनमानी किए जाने की संभावना जताई। उन्होंने कहा कि ब्रांड नहीं होने से मेडिकल स्टोर वाले किसी भी कंपनी की दवाई देने के लिए स्वतंत्र होंगे। ऐसे में दवा की क्वालिटी के सही होने पर शक बना रहेगा। इस तरह की समस्याओं से निपटने के लिए उन्होंने मेडिसीन बनाने का लाइसेंस देने में सख्ती बरतने की जरूरत पर बल दिया।
रूल को लागू करने का प्रयास किया जाएगा ताकि इसका इंप्लीमेंटेशन सही तरीके हो सके।
डॉ ए के सिंह, रजिस्ट्रार, स्टेट मेडिकल काउंसिल