-धर्म सास्था मंदिर में 11 हजार तुलसी पत्ते से हुआ अयप्पा का अभिषेकम

जमशेदपुर : बिष्टुपुर स्थित धर्म सास्था मंदिर में शहर के केरलियन समाज ने मंडला पूजा का समापन किया। समाज की ओर से अपने-अपने घरों में यह पूजा पिछले 41 दिनों से चल रही थी। इसका समापन धर्म सास्था मंदिर में भगवान अयप्पा की पूजा-अर्चनाकर किया गया। यह आयोजन अयप्पा सेवा समिति की ओर से की गई। शुक्रवार की सुबह महागणपति होमम के साथ इस पूजा की शुरुआत हुई। भगवान अयप्पा का 20 हजार फूल से शाम को पुष्पाभिषेकम हुआ। ग्यारह हजार तुलसी पत्ते से भगवान का अभिषेकम हुआ। दीपाराधान तथा अन्न दान का कार्यक्रम आयोजित हुआ। मंदिर परिसर में केरलियन समाज की ओर से तीन घंटे तक भजन-कीर्तन चलता रहा।

केला पत्ता पर प्रसाद

इस दौरान मंदिर परिसर शरणम अयप्पा, शरणम अयप्पा स्वामी रे के अलावा कई भक्ति संगीत से वातावरण भक्तिमय हो गया। दोपहर को हजारों भक्तों ने केला पत्ता पर प्रसाद ग्रहण किया। इस अवसर पर आयोजन समिति के अच्चुतन पिल्लई, केपीजी नायर, सुजुलाल, मुरलीधर कुरुप, सीएस नायर, शशि कुमार, मुरलीधरन के अलावा सीताराम शर्मा, एम वी शिवा, केएस जयरामन, जी शंकर, नागराजू, बी राजेश, कृष्णन व बी विश्वेश्वरन उपस्थित थे।

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क्यों होती है मंडला पूजा

दक्षिण भारतीय लोगों में खासकर केरल के लोगों में इस अनुष्ठान का खास महत्व होता है। इस पूजा में दक्षिण भारतीय पारंपरिक वाद्य यंत्रों द्वारा मंत्रों का जाप खास होता है। पूरे 41 दिन तक पुरुष ब्रह्मचर्य जीवन का पालन करते हैं। इस दौरान वे काले वस्त्र का धारण करते हैं। इस ब्रह्मचर्य जीवन का पालन करने के बाद ही मकर संक्रांति को केरल के सबरीमलाई मंदिर जाते हैं, ताकि उनकी मनोकामना पूर्ण हो सके।

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