जमशेदपुर (ब्यूरो): बरसात के इस मौसम में कंजेक्टिवाइटिस की बीमारी लोगों में कोरोना वायरस की तरह तेजी से फैल रही है। कंजेक्टिवाइटिस से हर वर्ग के लोग संक्रमित हो रहे हैं, जिसमें ज्यादातर बच्चे शामिल हैं। कंजेक्टिवाइटिस को आमतौर पर आंख आना, आंख लाल होना, जय बांग्ला होना, आई फ्लू, पिंक आई आदि नाम से जगह विशेष पर जाना जाता है। कंजेक्टिवाइटिस का प्रभाव इन दिनों एडिनोवायरस के साथ स्टेपलर कोक्कस बैक्टीरिया के संक्रमण के कारण तेजी से हर वर्ग के लोगों में फैल रही है। इन दिनों कोल्हान समेत पूरे भारतवर्ष में कंजेक्टिवाइटिस की बीमारी अर्थात आई फ्लू फैल गई है।

रोज आ रहे 30-40 मरीज

सदर अस्पताल चाईबासा के नेत्र विभाग के ओपीडी में रोजाना इन दिनों 30 से 40 मरीज कंजेक्टिवाइटिस के आ रहे हैं। कुछ मरीज दवाई दुकान से आई फ्लू के लक्षण बताकर स्वयं आई ड्रॉप, महलम एवं दवाइयां ले रहे हैं। यह अच्छी बात नहीं है। डॉक्टर के परामर्श से ही दवाइयां खरीदें।

सदर हॉस्पिटल में हैैं दवाइयां

वर्तमान समय में सदर अस्पताल चाईबासा में सिप्रोफ्लोक्सासिन आई ड्रॉप एवं क्लोरेंपनीकोल आई ऑइंटमेंट कंजेक्टिवाइटिस से निपटने के लिए दवाइयां उपलब्ध हैं।

कंजेक्टिवाइटिस के लक्षण

*आंख लाल होना

* आंखों में सूजन होना

* हल्का दर्द होना

* आंखों से पानी गिरना

* आंखों में चुभन होना

कंजेक्टिवाइटिस से ऐसे बचें

* बार-बार हाथों को साबुन से धोएं।

* कार्यस्थल, स्कूल कॉलेज आदि जगहों से आने के बाद आवश्यक रूप से साबुन से हाथ धोएं।

* आंखों को हाथ से न छूएं और न ही मसलें।

* आई फ्लू के मरीज से दूर रहें।

* संक्रमित मरीज के इस्तेमाल किए गए कपड़ों को नहीं छूएं।

* घर में संक्रमित व्यक्ति के साथ एक ही बिस्तर पर नहीं सोएं।

इन बातों का रखें ख्याल

-संक्रमित व्यक्ति का बिस्तर अलग होना चाहिए।

-उपयोग में लाए जाने वाले कपड़े एवं बिछावन वाले कपड़े को रोजाना साफ करें।

-नेत्र चिकित्सक/डॉक्टर के परामर्श अनुसार आई ड्रॉप्स, महलम एवं आवश्यकतानुसार दवाइयों का इस्तेमाल करें।

-सुबह उठने के साथ हल्के गुनगुने पानी में डिटॉल या सेवलॉन मिलाकर रूई से चिपकी हुई आंखों को साफ करें।

-आई ड्रॉप एवं महलम लगाने के पहले एवं बाद में हाथ को अवश्य धोना चाहिए।

-कंजेक्टिवाइटिस होने पर बच्चों को स्कूल नहीं भेजें।

संक्रमित मरीज को देखने भर से आई फ्लू नहीं होता है। उसके संपर्क में आने और संक्रमित होने से यह बीमारी होती है। आंखों के डॉक्टर की सलाह से ही दवाइयां लें, क्योंकि गलत दवा का इस्तेमाल आंखों के लिए घातक हो सकता है।

डॉ मनोज सिंह मुंडा

ऑप्थाल्मिक पदाधिकारी

सदर अस्पताल,चाईबासा