जमशेदपुर (ब्यूरो): साइबर ठगी आज के समय में एक सामान्य और गंभीर मसला है। अगर आप अलर्ट नहीं रहे तो आपके बैंक अकाउंट में सेंध लग सकती है और आप लाख सिर पीटते रह जाएं, कोई फायदा नहीं होगा। साइबर ठगों ने जालसाजी के अलग-अलग तरीके अपना लिए हैं और पढ़े-लिखे लोग भी इन जालसाजों के चक्कर में फंसकर अपनी गाढ़ी कमाई को पल भर में गंवा दे रहे हैं। सिटी में हाल के दिनों में हुई कुछ घटनाओं से आप इसे समझ सकते हैैं।
हाल की कुछ घटनाएं
केस-1
मामला बहरागोड़ा का है। साइबर ठगों ने सतीश नामक व्यक्ति के मोबाइल पर बिजली काटने का मैसेज भेजा। सतीश ने उस नंबर पर संपर्क किया तो ठगों ने उससे एक ऐप डाउनलोड करने को कहा। इसके बाद उनके दिए लिंक पर अपना बैंक डिटेल्स दे दिया। थोड़ी ही देर बाद उसके बैंक खाते से 11399 रुपये की निकासी कर ली गई।
केस-2
बिरसानगर थाना अंतर्गत संडे मार्केट के पास रहने वाले शूभाजन साहू ने ओएलएक्स पर एसी बेचने के लिए विज्ञापन दिया था। उनके मोबाइल पर 9668459441 नंबर से फोन कर एक व्यक्ति ने एसी खरीदने की इच्छा जताई। उसने ऑनलाइन पेमेंट करने की बात कही। इसके लिए उसने शूभाजन के मोबाइल पर एक रुपये पेमेंट करने का लिंक भेजा। एक रुपया पेमेंट करते ही उनके खाते में दो रुपये आ गए। इसके बाद शूभाजन ने ठग को छह हजार रुपये का पेमेंट किया। इस बार उनके खाते में रुपये नहीं आए। इसी तरह उनके खाते से 62,000 रुपये की ठगी कर ली गई।
केस-3
गोलमुरी थाना अंतर्गत नामदा बस्ती निवासी रवि शंकर ने फ्लिपकार्ट से ऑनलाइन सामान मंगाया। सामान को वापस करने के लिए कस्टमर केयर नंबर सर्च कर 6297962022 पर फोन किया। उस वक्त उन्हें जवाब नहीं मिला। थोड़ी देर बाद उन्हें 6297213283 नंबर से फोन आया, जिसमें सामान वापस करने से पहले मोबाइल में एनी डेस्क एप डाउनलोड करने को कहा गया। इसके बाद उनके खाते से 44,000 की निकासी कर ली गई।
केस-4
गोलमुरी थाना अंतर्गत इंदू बस्ती निवासी परमजीत कौर से क्रेडिट कार्ड बंद होने की बात कह 63455 रुपए की ठगी कर ली गई।
केस-5
खुद को एसबीआई क्रेडिट कार्ड का कर्मचारी बताकर क्रेडिट कार्ड और पेट्रोल कार्ड को एक करने की बात पर 1.28 लाख रुपए की ठगी कर ली गई।
साइबर ठगी के अलग-अलग मामले सामने आ रहे हैं। इस तरह के मामले आम तौर पर लापरवाही के कारण ही घटती है। लोगों को सतर्क रहना चाहिए और ओटीपी किसी से शेयर नहीं करना चाहिए। शिकायत मिलने पर इस तरह के मामलों में कार्रवाई भी की जाती है।
साइबर ठगी से ऐसे बचें
- किसी भी अनजान लिंक पर क्लिक न करें।
-किसी से भी अपना ओटीपी व एटीएम का पासवर्ड शेयर न करें।
-मुफ्त कुछ नहीं मिलता। मुफ्त मिलने संबंधी कॉल पर अलर्ट हो जाएं।
-अगर कोई आपके खाते की केवाईसी के लिए कॉल करता है तो कह दें कि आप खुद बैंक चले जाएंगे।
-कभी अकाउंट, पेटीएम, गूगल पे से जुड़ी किसी सहायता के नाम पर यदि कोई व्यक्ति कॉल कर आपसे टीम व्यूवर, ऐनीडेस्क जैसे एप डाउनलोड करने को कहे तो फोन तुरंत काट दें।
-इंटरनेट मीडिया पर किसी भी अनचाहे ई-मेल, एसएमएस या मैसेज में आए अटेचमेंट को खोलने या क्लिक करने से हमेशा बचें।
-ई-मेलए वेबसाइट और अज्ञात ई-मेल भेजने वालों के स्पेलिंग एक बार जरूर चेक कर लें। क्योंकि ठग मिलती जुलती स्पेलिंग से ठगी का शिकार बनाते हैं।
-विभिन्न साइटों पर अपने पासवर्ड न दोहराएं।
-अपने पासवर्ड नियमित रूप से बदलें। पासवर्ड मुश्किल बनाएं।
-किसी भी तरह के प्रलोभन में न आएं। विदेशी लोगों से दोस्ती करने से पहले जांच पड़ताल जरूर करें।
-यदि किसी रिश्तेदार की मदद के नाम पर कोई कॉल आए तो जल्दबाजी में फैसला न लें।