जमशेदपुर (ब्यूरो): लेखन के क्षेत्र में अंशुमन भगत तेजी से सुर्खियां बटोर रहे हैैं। अब उनका नाम झारखंड के प्रसिद्ध लेखकों की श्रेणी में भी आ गया है। अंशुमन भगत अपनी 5वीं किताब पर काम कर रहे हैं जो कि राजनीति पर आधारित है। वर्ष 2018 में अंशुमन भगत की पहली पुस्तक &योर ओन थॉट&य जो दिल्ली के इन्विंसिबल पब्लिशर द्वारा प्रकाशित की गई थी और अब तक चार पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। हाल ही में ऑथर्स ट्री पब्लिशिंग हाउस द्वारा प्रकाशित भगत की चौथी किताब &एक सफर में&य फिल्म जगत की आंतरिक स'चाई, जीवन में ग्रंथों का महत्व तथा पाठकों को पूर्ण रूप से जीवन की वास्तविकता से परिचित कराने की कोशिश की गई है।

राइटिंग में बनाया कॅरियर

अंशुमन का जन्म जमशेदपुर में हुआ है। अंशुमन भगत अभिनेता बनने के लिए जमशेदपुर से मुंबई गए थे, लेकिन कहते हैं ना कि कुछ चीजें दूर से कुछ और दिखाई देती हैं और करीब आने के बाद कुछ और। वैसे मुंबई से लोग केवल अभिनेता बनकर बाहर नहीं निकलते बल्कि डायरेक्टर, राइटर, संगीतकार और न जाने कितनी कला उभर कर सामने आती है। और आज अंशुमन भगत एक लेखक के रूप में जाने जाते हैं।

बचपन से था शौक

बचपन से ही अंशुमन भगत को लिखने का शौक था, किंतु सही मायने में मुंबई आने के बाद ही उनकी लेखन में दिलचस्पी बढ़ी और मौका मिलने पर अंशुमन कभी-कभी अपने मोबाइल या डायरी में अपने खुद के दिमाग में चल रहे कुछ विचारों को लिख लिया करते थे। अंशुमन भगत का कहना है कि जो बातें हम किसी से कह कर नहीं बता सकते, वैसी बातों को लेखनी के माध्यम से किताब का रूप दे कर लोगों तक पहुंचने में सक्षम हो सकते हैं। वे कहते हैं कि लेखन हमें साहित्य के साथ-साथ हमारी संस्कृति तथा धरोहर से जोड़े रखने में बहुत बड़ी भूमिका निभाती है।