JAMSHEDPUR: अलकायदा से जुड़े आतंकी मौलाना कलीमुद्दीन का नेटवर्क झारखंड व बंगाल में फैला हुआ है। झारखंड एटीएस द्वारा फरार घोषित होने के बाद कलीमुद्दीन ने पश्चिम बंगाल को अपना ठिकाना बनाया था। उसने कोलकाता और आसनसोल के अलावा पश्चिम बंगाल के कई जिलों में अपने नेटवर्क का विस्तार कर लिया था। फरारी के दौरान उसने सीमा पार कर कई बार बांग्लादेश की भी यात्रा की थी और वहां के कट्टरपंथियों से मुलाकात की थी।
फरारी के दौरान कलीमुद्दीन ने कोलकाता, आसनसोल समेत अन्य जिलों के मदरसों में उसका बयान होता था। कलीमुद्दीन ने एटीएस के अधिकारियों के सामने कई राज उगले हैं। उसने बताया है कि जमशेदपुर से फरार होने के बाद वो सीधे बंगाल गया था। यहां आसनसोल में एक मदरसे में कई दिनों तक रहा था। इसके बाद उसने आसनसोल में इस मदरसे को अपना ठिकाना बनाया और यहां वो सभा आयोजित कर युवाओं को जेहाद के लिए उकसाता था। यही नहीं, कलीमुद्दीन मुर्शिदाबाद और मालदा में भी जाकर अपनी सभा करता था। एटीएस के सूत्रों की मानें तो कलीमुद्दीन ने बताया है कि उसकी ज्यादातर सभाएं रात को होती थीं और इसमें आठ से 10 युवा शामिल होते थे। वो बंगाल में अलकायदा नेटवर्क के विस्तार में जोरशोर से लगा था कि एटीएस के शिकंजे में आ गया।
बांग्लादेश के कट्टरपंथियों से थे संबंध
सूत्रों की मानें तो कलीमुद्दीन ने बताया है कि फरारी के दौरान बंगाल में रहते हुए वो बांग्लादेश के कट्टरपंथियों के संपर्क में आया। इस दौरान वो तीन-चार बार बांग्लादेश गया और वहां अलकायदा के स्लीपर सेल के संपर्क में आया।
ठिकानों के बारे बताया
फरारी के दौरान कलीमुद्दीन जमशेदपुर भी आता था। यहां उसके ठहरने के दो-तीन ठिकाने थे। सूत्रों की मानें तो मौलाना ने एटीएस के अधिकारियों को इन ठिकानों के बारे में बताया है। एटीएस के अधिकारी अब इस बात की जांच करेंगे कि मौलाना ने जो जानकारी दी है कि उसमें कितना दम है। कहीं वो अपने विरोधियों को फंसाने के लिए तो ऐसा नहीं कर रहा है। क्योंकि, कलीमुद्दीन के एक भाई ने आरोप लगाया था कि कुछ लोगों ने जानबूझ कर मौलाना कलीम को इस दलदल में ढकेला है। अलकायदा आतंकी अब्दुर्रहमान कटकी जब भी जमशेदपुर आता था उसे ये लोग कलीमुद्दीन के मदरसे में ठहरा देते थे।
हुआ मेडिकल चेकअप
टाटानगर से 21 सितंबर को पकड़े गए आतंकी कलीमुद्दीन को एटीएस ने सात दिन की रिमांड पर लिया है। मंगलवार को कलीमुद्दीन को जेल से निकाला गया था। बुधवार को उसे फिर मेडिकल चेकअप के लिए महात्मा गांधी मेमोरियल अस्पताल लाया गया। कलीमुद्दीन के साथ एटीएस के जवान के अलावा ब्लैक कमांडो और एटीएस के डीएसपी अवध कुमार यादव थे। इस दौरान कलीमुद्दीन को करीब आधे घंटे तक अस्पताल के इमरजेंसी में रखा गया, जहां डॉक्टरों ने उसकी जांच की। जांच पूरी होने के बाद एटीएस की टीम ने उसे न्यायालय में पेश किया। यहां से उसे एटीएस उसे अपने साथ ले गई।