JAMSHEDPUR: माझी परगना महाल, मानकी मुंडा संघ व ग्रामसभाओं ने सोमवार को उपायुक्त कार्यालय के समक्ष विरोध-प्रदर्शन कर पंचायत क्षेत्रों को नगर निगम बनाए जाने का विरोध किया। गौरतलब हो कि बागबेड़ा, कीताडीह, सरजामदा, गोविंदपुर, गदरा को नगर निगम बनने के प्रस्ताव है, इससे पंचायत क्षेत्र के लोगों में खासा आक्रोश है। प्रदर्शन के दौरान आदिवासी युवक हाथ में तीर-धनुष, कुल्हाड़ी-तलवार जैसे पारंपरिक हथियार लिए हुए थे।
विरोध-प्रदर्शन कर रहे मानकी, मुंडा व ग्राम प्रधानों (माझी बाबा) ने कहा कि नगर निगम के विस्तारीकरण से रुढ़ी प्रथा आदिवासी स्वशासन व्यवस्था खत्म हो जाएगी। अपनी परंपरा और संस्कृति का सुरक्षित बनाए रखने के लिए नगर निगम का विरोध किया जा रहा है।
27 पंचायतों को नगर निगम बनाना असंवैधानिक
रैली की शक्ल में उपायुक्त कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन करने पहुंची आदिवासियों की भीड़ में शामिल दलमा राजा, राकेश हेम्ब्रम ने कहा कि जमशेदपुर और आसपास के 27 पंचायतों को मिलाकर नगर निगम गठन संबंधी अधिसूचना पूर्ण रूप से असंवैधानिक है। यह आदिवासियों लॉ पारंपरिक स्वशासन व्यवस्था पर हमला है। मौके पर मुंडा कन्हाई हेम्ब्रम ने कहा है कि नगर निगम बन जाने से विभिन्न प्रकार का कर, लगान अतिरिक्त लगेगा। जिससे मजबूरन लोग पलायन करेंगे।
ग्रामसभा ने भी किया पुरजोर विरोध
मानकी सुखलाल हेम्ब्रम ने कहा कि नगर निगम का गठन होने से आम नागरिकों को रोजगार नहीं होने के कारण जीवन यापन में आर्थिक बोझ बढे़गा। इस कारण ग्राम सभा इसका पुरजोर विरोध करती है। विरोध प्रदर्शन के बाद संघ ने राज्यपाल के नाम उपायुक्त को ज्ञापन सौंपा।
जुलूस की शक्ल में पहुंचे प्रदर्शनकारी
आदिवासी समाज के लोग जुलूस की शक्ल में संघ के सदस्य उपायुक्त कार्यालय के समक्ष पहुंचे और अपनी एकजुटता दिखाई। इस अवसर पर अजित सिंह भूमिज, रामकिशन सामड, दुर्गा चरण मुर्मू, बबलू भूमिज, गंभीर सोय, बाबूराम हेम्ब्रम, नारायण हेम्ब्रम, नारायण पूर्ति, रामचंद्र तियु, लेपा गागराई, सोनाराम आल्डा, चांद सामड, राम कुल्डी, मोसो सोय आदि समेत कई लोग शामिल थे।