जमशेदपुर: जमशेदपुर साइबर सेल ने एक ऐसे साइबर क्रिमिनल को अरेस्ट किया है, जो रेलवे की नौकरी छोड़ कर ठगी करता था। बैंक ऑफ इंडिया के मैनेजर संजय कुमार सिन्हा की निशानदेही पर एमजीएम इलाके में रहने वाले सोनू महतो को बैंक से ही अरेस्ट किया गया है। वहीं, सोनू की निशानदेही पर उसके साथ घाटशिला निवासी प्रदीप मंडल को भी दबोचा गया है। प्रदीप ही रेलवे की नौकरी छोड़कर ठगी करने लगा था। इसका खुलासा गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ में हुआ है। इसकी पुष्टि साइबर सेल प्रभारी उपेंद्र मंडल ने की है।
एक करोड़ से ज्यादा के ट्रांजेक्शन
साइबर सेल प्रभारी उपेंद्र ने बताया कि प्रदीप मंडल को पुलिस एक अन्य साइबर अपराध में भी बीते एक साल से खोज रही थी। उसके घर से कई बैंकों के पासबुक व एटीएम कार्ड जब्त किए गए हैं। वहीं, खाते से करोड़ से ज्यादा के ट्रांजेक्शन की भी पुष्टि हुई है। इधर, एमजीएम इलाके से अरेस्ट सोनू महतो की अरेस्टिंग से पहले उसके खाते में 10 लाख से ज्यादा के ट्रांजेक्शन की जानकारी बैंक मैनेजर ने ही पुलिस को दी थी। इस संबंध में पूछने पर सोनू के जवाब से पुलिस संतुष्ट नहीं हुई है। उसकी तलाशी में विभिन्न बैंकों के 30 पासबुक, 11 मोबाइल, 10 पैन कार्ड और 35 फर्जी आधार के साथ-साथ एक प्रिंटर और एक स्कैनर भी बरामद हुआ है।
ऐसे करते थे ठगी
सोनू महतो से पूछताछ पर पुलिस को पता चला की सोनू और प्रदीप गैंग चला रहे था, जिसके जरिए बिहारए बंगाल और ओडि़शा के लोगों को अपना शिकार बनाते थे। इसके लिए टॉवर लगाने और लॉटरी लगने के नाम पर लोगों से 10 हजार से 22 हजार तक रजिस्ट्रेशन फीस वसूल कर फोन बंद कर देते थे। भोले-भाले लोगों से आधार लेकर अकाउंट खुलवा कर उसमें पैसे जमा करवा लेते थे।
साइबर ठगी की मिली थी ट्रेनिंग
पुलिस का कहना है कि सोनू और प्रदीप के सहारे जल्द ही बड़े गैंग का भी खुलासा हो सकेगा। दोनों को साइबर ठगी की ट्रेंनिग दी गई है। पुलिस का दावा है कि जिस पेशे में सोनू और प्रदीप थे, वहां से साइबर ठगी की जानकारी नहीं हो सकती। साइबर सेल की टीम अभी और पूछताछ कर जानकारी इकट्ठा करने में जुटी है।